रायपुर। प्रदेश में नए साल का जश्न मनाने की तैयारी चल रही है लेकिन प्रदेश के एक बड़े वर्ग की आंखे इस जश्न के मौक पर सूनी रहने वाली है. दरअसल शिक्षाकर्मियों को पिछले दो माह से वेतन ही नहीं मिला है. ऐसे तकरीबन 90 हजार शिक्षाकर्मी प्रदेश में हैं जो वेतन की राह तक रहे हैं.
शिक्षाकर्मियों को नवंबर माह का वेतन नहीं मिला है और अब दिसंबर भी समाप्त होने पर है. वहीं कई शिक्षाकर्मियों को अक्टूबर माह से वेतन नहीं दिया गया है. जनपद और जिला पंचायतों के चक्कर काट-काट कर शिक्षाकर्मी निराश हो चुके हैं. कई शिक्षाकर्मियों को वेतन नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है. कई शिक्षाकर्मियों ने अपने घर के जेवरातों को इस उम्मीद से गिरवी रख दिया है कि अगले माह उन्हें वेतन मिल जाएगा और वे साहूकार को पैसा लौटा देंगे. राजधानी के धरसींवा ब्लॉक के शिक्षाकर्मी रायपुर की सड़कों में भीख तक मांगने की तैयारी कर ली है.
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि आबंटन जारी करने के लिए प्रमुख शिक्षा सचिव विकासशील, सर्व शिक्षा अभियान के डायरेक्टर मयंक बरबड़े से मांग की गई है. लेकिन मांग करने के बाद भी आज तक वेतन आबंटन DDO के खाते में नही आया है. उन्होंने बताया कि नए वर्ष में उत्साह व उमंग रहता है, सभी लोग नए वर्ष का स्वागत करते है, वहीं इस बार प्रदेश के 90 हजार प्राथमिक शाला व पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षाकर्मी 01 जनवरी 2018 को स्कूल तो जाएंगे पर उनके मन में वेतन नहीं मिलने का मलाल जरूर रहेगा.
आपको बता दें कि शिक्षाकर्मी समान वेतन, संविलयन, समय पर वेतन सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले कई सालों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. सरकार को बार-बार चेतावनी के बाद इस साल नवंबर में प्रदेश भर के शिक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए थे. लगभग 15 दिन की हड़ताल के बाद शिक्षाकर्मियों ने सरकारी आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. हालांकि सरकार का यह आश्वासन उनकी गिरफ्तारी और जेल में ठूंस दिए जाने के बाद उस वक्त मिला जब यह प्रदेश का सबसे बड़ा राजनीतिक आंदोलन का रुप लेने जा रहा था.