रायपुर। रायपुर के नवनियुक्त एसएसपी प्रशांत अग्रवाल का नाम प्रदेश के लोगों के लिए कोई नया नहीं है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवाएं दे चुके प्रशांत अग्रवाल वर्ष 2008 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित होने के बाद दो वर्ष के प्रशिक्षण उपरांत 2010 में छत्तीसगढ़ काडर में शामिल हुए.

अपने 11 सालों की सेवा में आईपीएस प्रशांत अग्रवाल ने अनेक महती, जिम्मेदारी और चुनौतियों के भरे दायित्वों का निर्वहन किया. अपने कार्यकाल के साढ़े छह साल उन्होंने माओ प्रभावित इलाकों में बिताए, इसमें देश के 30 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल बीजापुर और राजनांदगांव जिले में पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी निभाई.

बतौर पुलिस अधीक्षक विभिन्न जिलों में सेवा देने के दौरान आईपीएस प्रशांत अग्रवाल ने एक की ढर्रे पर काम नहीं किया, बल्कि जिलों की जरूरत को देखते हुए पुलिस के कामकाज के तरीकों के बदलाव किया. राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक के तौर पर उन्होंने नक्सल-विरोधी अभियान में तेजी लाने के साथ फोर्स की कार्यशैली में बदलाव किया.

 

वहीं बिलासपुर और दुर्ग जिलों के पुलिस अधीक्षक के तौर पर शहरी पुलिस व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त किया. इसमें ट्रेफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से अभियान भी चलाया. पिंक पुलिस के तहत महिलाओं के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए, जिसमें फोन कर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

शिक्षा

सूरजपुर जिला के भैयाथान के रहने वाले प्रशांत अग्रवाल की प्रारंभिक शिक्षा भैयाथान के सौरभ विद्या मंदिर स्कूल में हुई. कक्षा छठवीं से बारहवीं तक की शिक्षा बसदेई (सरगुजा) के नवोदय विद्यालय से पूरी की. वर्ष 2006 में आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए. अपने दूसरे प्रयास में वर्ष 2008 के भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित हुए.

जिम्मेदारी

  • 2008 में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित
  • दो वर्ष के लिए राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी, हैदराबाद में प्रशिक्षण
  • 2010 में छत्तीसगढ़ काडर में शामिल
  • एसडीओपी नारायणपुर की जिम्मेदारी दी गई, जहां डेढ़ साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद
  • जनवरी 2012 से मई 2012 तक पांचवी बटालियन, जगदलपुर में कमांडेंड
  • कोंडागांव पुलिस अधीक्षक
  • जून 2012 से जून 2014 तक पुलिस अधीक्षक, बीजापुर
  • जून 2014 से जून 2016 तक पुलिस अधीक्षक, जांजगीर-चांपा
  • जून 2016 से अगस्त 2018 तक पुलिस अधीक्षक, राजनांदगांव
  • अगस्त 2018 से फरवरी 2019 तक पुलिस अधीक्षक, बलौदाबाजार
  • फरवरी 2019 से जून 2019 तक पुलिस मुख्यालय, रायपुर में एआईजी (सायबर)
  • जून 2019 से जून 2021 तक पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर
  • जून 2021 में इन्हें मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के गृह जिला की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई.

उपलब्धि

आईपीएस प्रशांत अग्रवाल को बीजापुर पदस्थापना के दौरान राष्ट्रपति वीरता पदक (गैलेण्डरी अवार्ड) से सम्मानित किया जा चुका है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के डीजी डिस्क अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है. बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रहते हुए इन्होंने सायबर जागरूकता अभियान “सायबर मितान” कार्यक्रम चलाया था, जो कि गोल्डन बुक्स ऑफ रिकार्ड में दर्ज है.

ध्येय

घूमने-फिरने और परिवार के साथ समय बिताने में विशेष रुचि रखने वाले आईपीएस प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पढ़ाई के दौरान यूपीएससी एग्जाम के बारे में सुना था, देश और समाज के सर्वांगीण विकास में पुलिस का अहम योगदान होता है, मैंने भी समाज के लिए अच्छा काम करने, पीड़ितों को न्याय दिलाने और सामाजिक बुराइयों को खत्म के उद्देश्य से आईपीएस बना,  और आज उसी उद्देश्य के साथ काम करता हूं. प्रत्येक पुलिस वाले की समाज के प्रति बड़ी भूमिका होती है, जिन्हें वह विविध रूपों में पूर्ण करने का प्रयास करते हैं.

युवाओं के लिए संदेश

युवा देश के भविष्य होते है, इनकी तरक्की ही देश को आगे ले जाती है. युवा अपने लाइफ के शुरुआती समय मे जितना मेहनत करते हैं उसी के आधार पर उनके आगे का भविष्य का निर्माण होता है. उनका यह समय एनर्जेटिक होता है, अगर यह समय नशे या अन्य सामाजिक बुराइयों में निकाल देंगे तो आगे उन्हें बहुत तकलीफ होता है. जब उन्हें इस बात का एहसास होता है कि जब कुछ करने का समय था, तब मैंने अपने बहुमूल्य समय को व्यर्थ में गंवा दिया. युवा जीवन का आनंद भी लें पर भटके नहीं, समय का सदुपयोग करें.