प्रमोद कुमार, कैमूर। जिले के रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीते 14 नवंबर को हुए मतगणना के अंतिम राउंड में पुलिस और बसपा समर्थकों में हुए विवाद को लेकर पुलिस ने करीब ढाई सौ लोगों पर नामजद और एक हजार अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं इस मामले में नवनिर्वाचित बसपा विधायक सतीश यादव उर्फ पिंटू ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है।
बसपा विधायक सतीश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, 24 राउंड की गिनती हो चुकी थी। लेकिन 25 में राउंड की गिनती को रोक दी गई। हमें हराने के लिए लोगों के द्वारा लगातार दबाव बनाया जाने लगा। वोटों की मार्जिन कम थी। इसलिए यह लोग प्रयास कर रहे थे कि किसी तरह से भाजपा के प्रत्याशी को जीता दिया जाए। जबकि भारत निर्वाचन आयोग के नियमावली में यह दर्शाया गया है की काउंटिंग हाल के भीतर किसी भी पुलिस प्रशासन को अंदर नहीं जाना है। लेकिन मोहनिया के डीएसपी प्रदीप कुमार अपने 50 पुलिसकर्मी के साथ मतगणना हॉल में पहुंचकर हमारे बीएसपी के एजेंट को जबरदस्ती कॉलर पड़कर बाहर निकालने का प्रयास करते हैं। हमारे द्वारा एवं काउंटिंग एजेंट के द्वारा जब भारी विरोध किया जाता है, तब पुलिस प्रशासन वहां से हटती है।
उन्होंने कहा कि, 5 बजे काउंटिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन जबरदस्ती मुझे रोका गया 6 घंटे बाद मुझे प्रमाण पत्र दिया गया। हमारे कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हुए थे, लेकिन पुलिस के द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठियां भाजी गई। सैकड़ो निर्दोष लोगों का सर फटा, हाथ पैर तोड़ दिया गया। यही नहीं बसपा विधायक ने भारतीय जनता पार्टी व उनके कार्यकर्ताओं पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, यह लोग चुनाव हारने के बाद भी बाहर में मैसेज सर्कुलेट करके लोगों द्वारा यह कहा गया कि बीजेपी जीत गई और लोग मिठाईयां बांटने लगे। भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा पुलिस वह आम लोगों के साथ भी मारपीट की गई।
बसपा विधायक ने कहा कि, मोहनिया थाने में बीएसपी के 197 कार्यकर्ताओं पर नामजद व दुर्गावती में भी 50 कार्यकर्ताओं पर नामजद एफआईआर किया गया है। मेरे साथ जो बीएसपी के एजेंट काउंटिंग हाल के अंदर सुबह से लेकर रात 11:00 बजे तक थे, उनके ऊपर भी एफआईआर किया गया है। साजिश के तहत पुलिस के द्वारा निर्दोष लोगों को फंसाया गया है। मैं इस मामले में तमाम अधिकारियों को फैक्स एवं लेटर भी लिखूंगा की जो दोषी पुलिसकर्मी हैं, जिन्होंने निर्दोष लोगों को फंसाया है। उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई कर एवं अधिकारियों को सस्पेंड करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मैं चाहता हूं कि पुलिस के द्वारा सभी एफआईआर को रद्द किया जाए।
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