कोंडागांव। दो साल के अंतराल के बाद स्कूलों के शुरू होने के बाद से ही नौनिहालों की परेशानी को सामना करना पड़ा रहा था. मरम्मत के अभाव में नौनिहालों को भींगते हुए पढ़ाई करना पड़ रहा था. लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और छत की मरम्मत शुरू कर दी है. दो दिन में काम पूरा होने के साथ ही बच्चे अब बिना भींगे बारिश के दौरान पढ़ाई कर पाएंगे.

लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रकाशित होने के साथ ही मरम्मत के लिए पहुंचे कारीगर बरसात में भींगते हुए अपने काम को अंजाम देने में जुटे रहे. कारीगरों को मरम्मत करते हुए स्कूल पहुंचे छात्रों की खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्हें इस बात का सुकून था कि अब बारिश में भींगना नहीं पड़ेगा. संकुल समन्वयक महावीर ने बताया कि दो दिनों तक चलने वाले मरम्मत कार्य के दौरान प्रायमरी स्कूल के बच्चों को मिडिल स्कूल में शिफ्ट किया गया है. जैसे ही काम पूरा होगा बच्चों को उनके मूल भवन में शिफ्ट किया जाएगा.

स्कूल मरम्मत के लिए जारी राशि पर सवाल

बता दें कि कोंडागांव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 100 मीटर दूरी पर स्थित प्राथमिक शाला को केवल 15 हजार रुपये के मरम्मत कार्यों की दरकार थी. लेकिन प्रशासन इतना काम करने में भी नाकाम था. डीईओ अशोक पटेल ने बताया कि जिले में 301 स्कूल को मरम्मत की जरूरत है. इसके लिए 3 करोड़ की राशि जारी की गई थी. वहीं दूसरी ओर स्कूल के प्रधान पाठक योगेंद्र चतुर्वेदी का कहना था कि लगातार शिकायत के बाद भी स्कूल को देखने के लिए आज तक कोई अधिकारी नहीं आया. बच्चे और शिक्षक डर-डर कर यहां पढ़ते और पढ़ाते हैं.