तनवीर खान, मैहर। मध्य प्रदेश के मां शारदा मंदिर में भक्त के चढ़ावे गायब होने की खबर ने अचानक सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी। मामला तब तूल पकड़ गया जब मंदिर प्रशासक द्वारा जारी किया गया एक पत्र वायरल हो गया। जानकारी के अनुसार, एक श्रद्धालु ने 22 अक्टूबर 2025 को मंदिर में 2 किलो चांदी का मुकुट, छत्र और सोने की नथ मां शारदा को अर्पित किए थे। भक्त की इच्छा थी कि यह श्रृंगार छठ पूजा तक (लगभग 7 दिन) माता रानी पर अर्पित रहे।

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प्रधान पुजारी पवन पाण्डेय ने बताया कि भक्त की इच्छा के अनुरूप श्रृंगार कुछ दिन तक माता के श्रृंगार में रखा गया और 28 अक्टूबर को यह पूरा चढ़ावा नियमित प्रक्रिया अनुसार मंदिर कोष में जमा करा दिया गया था। इसके बावजूद 30 अक्टूबर 2025 को मंदिर प्रशासक ने प्रधान पुजारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए पत्र जारी किया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और विवाद गहरा गया। प्रधान पुजारी ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि चढ़ावा गायब होने की बात पूरी तरह अफवाह है। चढ़ाया गया सारा सामान 28 अक्टूबर 2025 को कोष में जमा हो चुका था। पत्र मिलने पर मैंने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था।

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इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासक कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि पुजारी के बयान के अनुसार, कोष में जमा होने के दो दिन बाद पत्र जारी किया गया था।अब मंदिर प्रशासक एवं SDM दिव्या पटेल ने अपना पूरे मामले में रटा रटाया जबाब दिया,चढ़वा जमा होने के बाद भी जाच की कर रही बात,पूरे मामले में अगर देखे तो प्रशासक का पत्र संदेह के घेरे में अब यह देखने वाली बात होगी क्या कुछ सामने निकल कर आता है। 

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