चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में अगली सुनवाई अब 26 अगस्त को होगी। मजीठिया ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून 2025 को बिक्रम मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसके अलावा, 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अब तक छह लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर और मजीठिया के पूर्व पीए शामिल हैं।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर मजीठिया की संपत्तियों की जांच की है। सरकार का दावा है कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं। वहीं, मजीठिया के वकीलों का कहना है कि इन आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं है। उनका आरोप है कि सरकार मीडिया में बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन अदालत में सबूत पेश करने में नाकाम रहती है।

सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग
मजीठिया के वकीलों ने मोहाली की अदालत में एक याचिका दायर कर मांग की है कि इस मामले की सुनवाई ‘इन कैमरा’ (बंद कमरे में) न हो, बल्कि लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए की जाए। उनका तर्क है कि पंजाब और विदेशों में रहने वाले लोग इस मामले की सच्चाई जानना चाहते हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान मजीठिया के वकीलों ने याचिका में संशोधन के लिए समय मांगा था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। अब सभी की निगाहें 26 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।