रायपुर। मैट्स यूनिवर्सिटी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला एनजीओ मीट 2025 का भव्य समापन हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने कहा कि समाज सेवा हम सभी का कर्तव्य है और इसके लिए दिल में जुनून होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, “सेवा का अर्थ केवल सेवा, सेवा और सेवा है. सबसे बड़ा काम है लालच का त्याग करना. हमें बिना किसी फल की चिंता किए सच्चे मन से सेवा करनी चाहिए.”


फूलबासन बाई यादव ने समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को सम्मानित भी किया. उन्होंने कहा कि हमें मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य के विकास के लिए कार्य करना चाहिए और सेवा में अहंकार को स्थान नहीं देना चाहिए.
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि शासकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, बिलासपुर के वरिष्ठ प्राचार्य प्रो. (डॉ.) कमलेश ने सामाजिक संस्थाओं को समाज का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि जहाँ सरकारी व्यवस्थाएँ सीमित होती हैं, वहीं ये संस्थाएं जमीनी स्तर पर वास्तविक बदलाव लाती हैं.
समारोह की विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने युवाओं को समाज सेवा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सामाजिक विकास की किरण राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, यही असली सफलता है. इस वर्ष कार्यशाला की थीम रही “सीख से सेवा की ओर”, जिसका उद्देश्य शिक्षा और सेवा कार्यों के बीच सेतु स्थापित करना था.
इस अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने कहा, “विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र न होकर समाज परिवर्तन का माध्यम भी होना चाहिए. सेवा-आधारित शिक्षा ही सार्थक है.” पैनल चर्चा में सीएसआर फंडिंग और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी साझा की गई.
इस आयोजन के सफल समन्वय में विश्वविद्यालय के सोशल वर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीनानाथ यादव, हिंदी विभाग और अन्य प्राध्यापकों की अहम भूमिका रही. कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई. समापन पर प्रतिभागियों ने कार्यशाला को बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया.
कार्यक्रम की सफलता पर कुलाधिपति गजराज पगारिया, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव और कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं.