रायपुर- समाज कल्याण विभाग में हुए करीब एक हजार करोड़ के घोटाले मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर की गई रिव्यू पिटीशन पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अपनी दलील में कहा कि चूंकि राज्य पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करने में सक्षम है, लिहाजा इस प्रकरण की जांच का जिम्मा सीबीआई की जगह राज्य पुलिस को सौंपा जाए. यह पूरी जांच कोर्ट अपनी निगरानी में रखे. राज्य सरकार की ओर से दिए गए जवाब को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बता दें कि 30 जनवरी 2020 को जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच ने शासन के विरूद्ध लगाई गई पीआईएल 53/2018 की सुनवाई करते हुए कई आईएएस अधिकारियों के विरूद्ध सीबीआई को एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे. कोर्ट के इस आदेश के बाद सीबीआई ने भोपाल में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था.
राज्य सरकार की ओर से दायर रिव्यू पिटीशन 51/2020 की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल एक बिंदु पर यह पिटीशन दायर किया है. कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन फाइल किए जाने के संबंध में जानकारी मांगी है. महाधिवक्ता ने कोर्ट में यह जानकारी दी कि यथोचित स्तर पर निर्णय लिया गया था. कोर्ट ने महाधिवक्ता के कथन को स्वीकार करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.