सदफ हामिद, भोपाल। छतरपुर जिले के बक्सवाहा में हीरा खदान के लिए पेड़ काटे जाने पर एनजीटी ( NGT ) ने रोक लगा दी है लेकिन एमपी की बीजेपी सरकार के मंत्री घने जंगल को उजाड़ने के पक्ष में हैं। मंत्री ने कहा है कि अगर 2 लाख पेड़ काटे जाएंगे तो 40 लाख लगाए भी तो जाएंगे।

ये बयान मध्य प्रदेश के सहाकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का है। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर मंत्री अरविंद भदौरिया विधायकों के लिए बनाए गए आवासीय परिसर रचना टॉवर पहुंचे थे। वहां विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के साथ उन्होंने वृक्षारोपण किया। इस दौरान छतरपुर के बक्सवाहा में पेड़ काटने को लेकर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि 2 लाख पेड़ काटे जाएंगे तो 40 लाख पेड़ लगाए भी जाएंगे। 20 गुना ज्यादा पेड़ लगाएं जाएंगे। कमलनाथ और दिग्विजय के समय तो मध्यप्रदेश की धरती को खोद दिया गया था।

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NGT ने लगाई रोक

आपको बता दें सरकार ने बिड़ला समूह के एक्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बक्सवाहा में 2 लाख 50 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटकर हीरे के माइनिंग के लिए लीज में दे दिया है। जंगल काटे जाने के विरोध में देश भर के पर्यावरणविद् एक हो गए हैं। जंगल काटे जाने का देश भर में हो रहे विरोध के बीच एनजीटी में दो याचिकाएं दाखिल की गई।

एनजीटी ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बक्सवाहा में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि बगैर वन विभाग की अनुमति के एक भी पेड़ न काटे जाएं।

शिवराज बताएं कहां गए पेड़- मेधा

मेधा पाटकर ने भी बक्सवाहा के जंगल को काटने का विरोध किया था। उन्होंने सरकार द्वारा जंगल काटे जाने के एवज में पेड़ लगाने की दलील दिये जाने का विरोध किया है। मेधा पाटकर ने सरकार की दलील पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शिवराज सिंह 10 लाख पेड़ लगाने की बात कर रहे हैं तो पहले वे बताए कि नर्मदा घाटी के पेड़ कहां गए। उन्होंने परियोजना में जितने पेड़ बर्बाद हुए उससे तीन गुना पेड़ लगाने की बात  कही थी आज वे सारे पेड़ कहां हैं ?

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