संतोष देव गिरि, सोनभद्र। उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व प्रदान करने वाले जिले में कायदे-कानून को ताक पर रख दिया गया है। इसमें खनन का मुद्दा गंभीर हो चला है। जिस पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के सख़्त आदेशों निर्देशों को भी दरकिनार कर अवैध खनन बदस्तूर जारी है। अब एक बार पुनः ‌सोनभद्र में हो रहे अवैध खनन का मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी पहुंच गया है। सोनभद्र के ओबरा तहसील के अंतर्गत सोन नदी के ग्राम अगोरी, बरहमोरी व भगवा में हो रहे अवैध बालू खनन के खिलाफ जन अधिकार पार्टी के भागीरथी सिंह मौर्य खनन निदेशालय लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सोन नदी को बचाने के लिए खनन निदेशक माला श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा और अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की।

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अवैध खनन की गूंज पहुंची लखनऊ

भागीरथी सिंह ने कहा कि सोन नदी की जलधारा को बांध पुल बनाकर लिफ्टिंग मशीनों (नाव मशीनों) व पोकलेन मशीनों द्वारा बालू का खनन किया जा रहा है, जबकि एनजीटी एवं उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशानुसार बालू खनन के लिए किसी भी दशा में नदी की जलधारा को मोड़, प्रभावित नहीं किया जा सकता है। लिफ्टिंग मशीन (नाव मशीन) व पोकलेन मशीन का प्रयोग भी प्रतिबंधित है, इसके बावजूद भी बालू खननकर्ताओ द्वारा नदी की जलधारा को बांधकर लिफ्टिंग मशीन (नाव मशीन) व पोकलेन मशीन के द्वारा बालू खनन का कार्य किया जा रहा है।

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इस संबंध में जन अधिकार पार्टी ने 28 नवंबर 2024 को जिला खान अधिकारी सोनभद्र को पत्र सौंप कार्यवाही की मांग किया था। मामला संज्ञान में आने पर एनजीटी की टीम जिले में पहुंची थी। टीम के पहुंचने पर सोनभद्र के बालू खननकर्ताओं, पट्टाधारकों में इस कदर हड़कंप मच गया था कि वह इधर-उधर भागते हुए नजर आए थे।आलम यह रहा कि प्रतिबंधित मशीने सोन नदी से बाहर कर दी गयी थी, परन्तु सोन नदी में हो रहे अवैध खनन व नदी के साथ किए गए छेड़छाड़ को आज रोका नहीं जा सका है।

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NGT के नियमों की उड़ाई धज्जियां

भागीरथी सिंह मौर्य ने बताया कि एनजीटी टीम को सोनभद्र से वापस जाते ही प्रतिबंधित मशीने सोन नदी में प्रवेश कर गयी और खननकर्ताओं, लीज धारकों द्वारा बेखौफ अवैध खनन शुरु कर दिया गया। जिसको लेकर 9 दिसम्बर व 13 दिसम्बर 2024 को भी पत्र भेज अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर जिला खान अधिकारी सोनभद्र व अन्य से मांग किया गया था, परन्तु किसी प्रकार की कार्रवाई न किए जाने से ऐसा प्रतीत होता है कि जिला खान अधिकारी द्वारा बालू लीज धारकों, पट्टा धारकों को सोन नदी में अवैध खनन के लिए खुली छूट दे दी गयी है।