नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनजीटी को विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट या उसकी जानकारी में लाई गई किसी भी सामग्री पर संबंधित पक्षकारों का पक्ष सुने बगैर आदेश पारित नहीं करना चाहिए.
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सिंगरौली सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन की ओर से एनजीटी के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की है. हाल ही में पारित फैसले में, शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यदि एनजीटी किसी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट या उसकी जानकारी में लाई गई अन्य सामग्री पर भरोसा करना चाहता है, तो सबसे पहले संबंधित पक्ष को इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए.
पीठ ने कहा है कि संबंधित पक्षकार का पक्ष सुनने के बाद ही किसी तरह का आदेश पारित करना चाहिए. न्यायालय ने कहा है कि ‘एनजीटी एक न्यायिक निकाय है, इसलिए न्यायिक कार्य करता है.