दिल्ली-NCR में बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए NHAI एक नया मार्ग विकसित कर रहा है। यह प्रोजेक्ट UER-II का 17 किलोमीटर लंबा विस्तार होगा, जो अलीपुर से शुरू होकर NH-709B (दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे) पर ट्रोनिका सिटी तक जाएगा। दिल्ली की रिंग रोड, NH-44, NH-48 और बरापुल्ला एलिवेटेड कॉरिडोर पर दबाव कम होगा। हरियाणा और राजस्थान से देहरादून की ओर जाने वाले ट्रैफिक के लिए तेज और सुगम रास्ता मिलेगा। राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सड़कों की जाम समस्या में राहत मिलेगी।

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कितना बड़ा है ये प्रोजेक्ट?

सितंबर को NHAI ने इस प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए बोली मंगाई। इसमें 5 महीने में फिजिबिलिटी स्टडी और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। इस स्टडी का खर्च 2.32 करोड़ रुपये होगा। अनुमान है कि इस 17 किलोमीटर लंबे हाईवे को बनाने में 3350 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी। यह प्रोजेक्ट न केवल भव्य है, बल्कि दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान भी साबित हो सकता है।

क्या-क्या होगा खास?

NHAI की योजना में इस हाईवे को बनाने से पहले हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जाएगा। पहले चरण में ट्रैफिक एनालिसिस, रास्ते के विकल्प और इलाके की टोपोग्राफी तय की जाएगी। लेन कॉन्फिगरेशन और बिजली-पानी की लाइनों, जंगल की मंजूरी जैसी पहलुओं पर भी निगरानी होगी। प्रोजेक्ट का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव भी जांचा जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।

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दूसरे चरण में कॉरिडोर का स्ट्रक्चरल डिजाइन, मिट्टी और पानी की जांच, चौराहों का डिजाइन, ड्रेनेज प्लान, ट्रैफिक साइनेज, लागत अनुमान और टोल स्कीम का निर्धारण इस हाईवे का निर्माण न केवल मजबूत होगा, बल्कि यह स्मार्ट और पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।

आवारा पशुओं का भी ध्यान

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हाईवे पर आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए सुरक्षित पशु आश्रय बनाने की योजना शुरू की है। योजना के तहत हाईवे के आसपास ऐसे स्थान विकसित किए जाएंगे, जहां पशुओं के लिए चारा भंडारण, खाने की जगह और केयरटेकर्स के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

एनएचएआई का कहना है कि इस कदम से न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। आवारा पशु अक्सर हाईवे पर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, और इस पहल से उनकी सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

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स्थानीय विरोध और चुनौतियां

इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्तरी दिल्ली के कुछ गांवों में विरोध भी हो रहा है। मुंडका-बक्करवाला खंड पर टोल प्लाजा को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं। एनएचएआई को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि प्रोजेक्ट सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

एनएचएआई के मुताबिक, इस विस्तार के पूरा होने के बाद UER-II दिल्ली के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम हिस्सों के साथ-साथ गुरुग्राम तक जाने वाले ट्रैफिक के लिए एक अहम बायपास बन जाएगा। यह द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर दिल्ली की रिंग रोड को बायपास करेगा। भविष्य में UER-II का दूसरा 65 किलोमीटर लंबा पूर्वी विस्तार ट्रोनिका सिटी से गाजियाबाद होते हुए नोएडा तक जाएगा।

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