सत्या राजपूत, रायपुर. एक तरफ पूरे प्रदेश में लगातार बारिश के कारण डायरिया, मलेरिया मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर इन बीमारियों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे प्रदेश के आधे जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे प्रदेश के एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बहुत परेशान हैं. वेतन न मिलने में सरगुजा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार ,कवर्धा आदि जिलों के कर्मचारी शामिल हैं. प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य मंत्री से जल्द वेतन दिलाने की मांग की है.
प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वेतन को लेकर यह समस्या बनी हुई है, जिससे कर्मचारी परेशान हैं. महंगाई में रोजमर्रा के खर्चों से जूझ रहे एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द निदान होना चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी बहुत ही अल्प वेतन में अपना कार्य करते हैं और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ समय-समय उच्च अधिकारी को अवगत भी कराया है. फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
डॉ. गिरी ने बताया, नर्स, एनएनएम, ऑपरेटर, आया, हाउस कीपर, सुपरवाइजर सहित सभी कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से बहुत परेशान हैं. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे कर्मचारियों को स्कूल के बच्चों की फीस, राशन, मकान किराया, बीमार माता-पिता की दवाइयां आदि कई मूलभूत जरूरतों को लेकर असुविधा हो रही है.
डॉ. अमित कुमार मिरी के अनुसार इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक को शीघ्र वेतन के लिए पत्र भी दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. ऐसी व्यवस्था बनाने की मांग की गई है, जिससे सभी को प्रतिमाह एक तारीख को वेतन मिल सके.
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