लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अन्दर विस्फोटक मिलने के मामले में एनआईए और एटीएस ने अपनी जांच शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एनआईए से जांच कराए जाने की बात कही थी जिसके बाद यूपी एटीएस और एनआईए ने संयुक्त रुप से अपनी जांच शुरु कर दी है। शुक्रवार देर रात दोनों टीमें विधानसभा पहुंची और चप्पे-चप्पे को खंगाला।
तकरीबन दो घंटे तक एनआईए और एटीएस की टीम विधानसभा के भीतर मौजूद रही। दोनों टीमें सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही हैं। साथ ही फॉरेंसिक एक्सपर्ट विधानसभा में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को जब्त कर लिया है और अपनी पड़ताल शुरु कर दी है।
एनआईए और एटीएस इस बात की जांच कर रही हैं कि विधानसभा के भीतर खतरनाक विस्फोटक कैसे पहुंचा, कहां से लाया गया, कौन उसे अंदर लाया और अंदर लाने के पीछे उसका मकसद क्या था। कहीं यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या की कोई साजिश तो नहीं थी, इन सभी सवालों के जवाब खोजने में दोनों टीमें लग गई हैं।
बता दें कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पिछले दिनों दो बार ऑडियो टेप जारी कर योगी आदित्यनाथ को धमकी दी थी। दोनों संगठन विस्फोटक का आतंकी संगठन से कोई रिश्ता तो नहीं इसकी भी जांच करेेंगे।
12 जुलाई की सुबह यूपी विधानसभा के अंदर विस्फोटक मिलने का खुलासा हुआ था। फौरेंसिक जांच मे विस्फोटक मिलने की पुष्टि हुई है, यह विस्फोटक 150 ग्राम की मात्रा में मिला है। विस्फोटक उस जगह पर रखा था जहां तमाम पार्टियों के विधायक बैठते हैं। ये विस्फोटक समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे मिला है।