प्रदीप मालवीय,उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकाल कॉरिडोर लोकार्पण के आगमन के ठीक पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार सुबह उज्जैन में छापेमार कार्रवाई की. सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े जमील शेख नामक शख्स को गिरफ्तार कर ले गई है. उसके घर से कुछ किताबें और दस्तावेज जब्त किए गए हैं. जमील शेख पीएफआई का प्रदेश महासचिव बताया जा रहा है. हालांकि एनआईए की कार्रवाई को लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी अनभिज्ञता जता रहे हैं. एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि उन्हें इस कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है.
मिली जानकारी के अनुसार टेरर फंडिंग और ट्रेनिंग कैम्प चलाने के मामले में एनआईए की कार्रवाई गुरुवार तड़के 4 बजे से शुरू हुई. एजेंसी के अधिकारी चिमनगंज थाना क्षेत्र के आजाद नगर में स्थित जमील शेख के घर पहुंचे. जमील उस समय परिवार के साथ सो रहा था. घर में पत्नी और एक बच्चा मौजूद था. एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया और घर की तलाशी ली. यहां से एनआईए ने कुछ किताबें और दस्तावेज भी जब्त किए है. जमील को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए. इस दौरान जब परिवार वालों से पूछा तो टीम ने कहा कि चिमनगंज थाने आ जाना. इसके बाद दो महिला आरक्षकों को जमील के घर पर छोड़ा गया. कुछ देर बाद महिला आरक्षक भी वहां से चली गई. परिवार के लोग चिमनगंज थाने पहुंचे, मगर वहां एनआइए के अधिकारी और जमील नहीं मिला.
पीएफआई सदस्यों पर दर्ज हो चुके है प्रकरण
बता दें कि पीएफआई के सदस्य उज्जैन में सक्रिय रहे हैं. 17 फरवरी 2021 को पीएफआई के सदस्यों ने एटलस चौराहे पर इस संगठन का स्थापना दिवस मनाया था. इस दौरान संगठन का झंडा फहराया गया था. कोविड प्रोटोकाल तोड़ने के कारण पुलिस ने पीएफआई के सदस्यों पर प्रकरण भी दर्ज किया था. इस तरह नवंबर 2021 में भी पीएफआई के 6 सदस्यों पर केस दर्ज किए गए थे.
सदस्यों ने त्रिपुरा हिंसा के विरोध में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन दिया था. ज्ञापन में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया. इस पर माधवनगर पुलिस ने धारा 188, 505 (1) सी, 505 (2), 295 ए, 153 ए में प्रकरण दर्ज किया था. हालांकि इन धाराओं में सात साल से कम सजा होने पर सभी को थाने से ही नोटिस देकर छोड़ दिया गया था.
खुफिया तंत्र रख रहा नजर
उल्लेखनीय है कि उज्जैन और आसपास के अंचल में सिमी जैसे संगठन भी सक्रिय रहे हैं. यहां से सिमी सरगना सफदर नागौरी और संगठन से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी पूर्व में हुई है, जो देश की विभिन्न जेलों में बंद है. पुलिस का खुफिया तंत्र ऐसे संगठनों और उससे जुड़े लोगों पर लगातार नजर रखता है. पीएफआई के सदस्यों की संदिग्ध गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जा रही है.
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