नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संकेत दिया है कि एजेंसी जर्मनी स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ सीमा पार तस्करी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल में उसकी संलिप्तता की भी जांच करेगी। मुल्तान के खिलाफ हाल ही में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम का मामला दर्ज किया है।

एनआईए के एक सूत्र ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक और ड्रग्स की तस्करी के लिए किया गया है।

बयान के अनुसार, “आईएसआई द्वारा समर्थित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी इसमें शामिल हैं। जसविंदर उनके संपर्क में है। उसका एक भारतीय संपर्क भी है जो तस्करी के हथियार, विस्फोटक और ड्रग्स प्राप्त करता है। इसके द्वारा वह ड्रग्स और हथियारों को भारतीय क्षेत्र में फैला रहा है। हम हैं इसकी जांच कर रहे हैं और इस संबंध में सबूत जुटा रहे हैं।”

पिछले साल पंजाब और जम्मू में सीमा पर लगभग 70 ड्रोन देखे जाने की सूचना मिली थी। इन ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान स्थित तत्व भारत में हथियारों और नशीले पदार्थों की आपूर्ति के लिए करते थे। सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) ने कुछ ड्रोन मार गिराए थे।

मुल्तानी पर एनआईए ने सहयोगियों के साथ भारत के खिलाफ साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।

मुल्तानी और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ 30 दिसंबर को आईपीसी की धारा 120 बी, 121 ए और यूए (पी) अधिनियम की धारा 10, 13, 17, 18 और 18 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, मुल्तानी को बर्लिन में जर्मन अधिकारियों ने भारतीय एजेंसियों के इनपुट के बाद हिरासत में लिया था। बाद में उसने जर्मन सरकार को एक हलफनामा दिया कि वह जांच में सहयोग करेगा। जर्मन सरकार ने बाद में उसे छोड़ दिया।

अधिकारी ने कहा कि मुल्तानी विदेशों में स्थित कई अन्य खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ पंजाब को भारत से अलग करने के उद्देश्य से अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से पंजाब में युवाओं को कट्टरपंथी, प्रेरित और भर्ती कर रहा था।

एनआईए के अधिकारी ने कहा, “वह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पंजाब में तस्करी नेटवर्क का उपयोग करके हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदने के लिए धन जुटाने में शामिल रहा है। जसविंदर सिंह मुल्तानी मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आईएसआई के गुर्गों के संपर्क में भी रहा है।”

मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। एनआईए अधिकारी ने कहा कि वे मुल्तानी को भारत वापस लाना चाहते हैं, ताकि उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके।