दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा(Tahawwur Rana )के वॉयस सैंपल और हैंडराइटिंग(Handwriting) के सैंपल लेने की अनुमति प्रदान की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद अदालत ने मंजूरी दी. वर्तमान में तहव्वुर राणा एनआईए की हिरासत में हैं. पिछले महीने, विशेष अदालत ने राणा की हिरासत को 12 दिन के लिए बढ़ाने का आदेश दिया था, जिसे एनआईए ने अदालत में अनुरोध किया था. इससे पहले, राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में रखा गया था, जिसके बाद उसे विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष पेश किया गया.
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सुनवाई के दौरान एजेंसी ने तर्क दिया कि 17 साल पुराने आतंकवादी हमलों की साजिश को समझने और उससे जुड़े अन्य साजिशकर्ताओं तक पहुंचने के लिए तहव्वुर राणा की हिरासत आवश्यक है. एजेंसी ने यह भी बताया कि जांच के लिए उसे विभिन्न स्थानों पर ले जाना जरूरी है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील की थी. 4 अप्रैल 2025 को पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद राणा को भारत लाया गया. 10 अप्रैल को भारत लाए जाने के बाद एनआईए ने उसे गिरफ्तार कर पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष एनआईए अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया. हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उसे फिर से कोर्ट में पेश किया गया.
राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो में अमेरिकी एजेंसी FBI ने गिरफ्तार किया. उस पर आरोप था कि उसने मुंबई के 26/11 हमले और कोपेनहेगन में आतंकवादी गतिविधियों के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की. 26 नवंबर 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में प्रवेश कर रेलवे स्टेशन, दो होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया, जिसमें लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग अपनी जान गंवा बैठे.
तहव्वुर राणा, 64 वर्ष के पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में कार्य किया. 1997 में, उन्होंने कनाडा का रुख किया और वहां इमिग्रेशन सेवाओं के क्षेत्र में एक व्यवसायी के रूप में काम करना शुरू किया. इसके बाद, राणा अमेरिका पहुंचे और शिकागो सहित विभिन्न स्थानों पर “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” नामक एक कंसल्टेंसी फर्म स्थापित की. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्रा की है और वह लगभग सात भाषाएं बोलने में सक्षम हैं.
26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने एक श्रृंखलाबद्ध हमले को अंजाम दिया, जो चार दिनों तक जारी रहा. इस आतंकवादी हमले में कुल 175 लोग अपनी जान गंवा बैठे, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे, और 300 से अधिक लोग घायल हुए.
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