नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने गुरुवार को तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में आयोजित महिला विश्व चैंपियनशिप के अपना जलवा दिखाया. फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं.
तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान प्रतिद्वंद्वियों पर दबदबा बनाए रखा और फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को सर्वसम्मत फैसले में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से हराया. जुटामस के खिलाफ यह जरीन की दूसरी जीत है. भारतीय मुक्केबाज ने इससे पहले थाईलैंड की मुक्केबाज को 2019 में थाईलैंड ओपन में भी हराया था. विजेता की घोषणा होने के बाद जरीन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं. वह खुशी में कूदने लगी और अपने आंसू नहीं रोक पाई.
इस जीत के साथ 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं. इसके पहले एमसी मैरीकोम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी विश्व खिताब जीत चुकी हैं. भारत का चार साल में इस प्रतियोगिता में यह पहला स्वर्ण पदक है. पिछला स्वर्ण पदक मैरीकोम ने 2018 में जीता था.
जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा चैंपियनशिप मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते. टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था. भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं.