न्यूयॉर्क। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोप में अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है. खुलासे के मुताबिक, पन्नू की हत्या के लिए एक लाख डॉलर में सौदा हुआ था, जिसमें से अग्रिम भुगतान के तौर पर 15,000 डॉलर देने की भी व्यवस्था की थी.

न्यूयॉर्क में अमेरिकी वकील डेमियन विलियम्स ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रतिवादी ने भारत से न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जो सार्वजनिक रूप से सिखों के लिए एक अलग देश बनाने की वकालत करता है. हालांकि, इसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम नहीं लिखा है.

अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया कि हत्या की साजिश के लिए एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी द्वारा भर्ती किए जाने से पहले निखिल गुप्ता नशीले पदार्थों और हथियारों की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी भी करता था.

कौन है निखिल गुप्ता?

अमेरिकी न्याय विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका और चेक रिपब्लिक के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत गुप्ता को इसी साल 30 जून को चेक रिपब्लिक के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है.

भारतीय सरकारी कर्मचारी का जिक्र

एक कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे CC-1 के नाम से संबोधित किया गया है, ने भारत और अन्य जगहों पर निखिल गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रचने का काम कर रहा था. दस्तावेज में CC-1 को सुरक्षा और खुफिया विभाग की पृष्ठभूमि वाला बताया गया है.

एक लाख डॉलर की सुपारी

खुलासे के मुताबिक, CC-1 ने निखिल गुप्ता को लक्ष्य के बारे में विस्तृत व्यक्तिगत जानकारी प्रदान की. इसमें न्यूयॉर्क शहर में उनके घर का पता, फोन नंबर और दैनिक आचरण शामिल था. CC-1 ने एक अमेरिकी खुफिया एजेंट को हिटमैन मानते हुए उसे 1,00,000 डॉलर में 15,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान देने की भी व्यवस्था की.

भारत आरोपों को लेकर गंभीर

इस पूरे मसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत इन आरोपों को गंभीरता से ले रहा है. उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए थे. बागची ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जाहिर की.