आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर में धीरे-धीरे ग्रामीण नक्सली अपने नक्सली संगठन की विचारधारा से परेशान होकर मुख्यधारा में वापस लौट रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को जगदलपुर के सीआरपीएफ 80 बटालियन के समक्ष 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन महिला है जबकि 6 पुरुष नक्सली शामिल हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से दो जनमिलिशिया कमांडर पर 1-1 लाख रु का इनाम घोषित था, सभी ने नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सीआरपीएफ के समक्ष आत्म समर्पण किया है, वहीं सीआरपीएफ के अधिकारियों ने 10 -10 हजार का चेक प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया है,

सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक बारसुर लोकल गर्ल स्कॉट का कमांडर पंडरू है, पंडरू साल 2014 से कई बड़ी वारदातों में नक्सलियों की तरफ से शामिल था, और पंडरू को कई बार मोबाइल रखने और शादी की इजाजत नहीं देने पर अपने सीनियर कमांडरों के इनकार करने के बाद आत्मसमर्पण का फैसला किया. इसके साथ ही 8 अन्य मिलिशिया सदस्यों ने सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है.

नक्सल संगठन में आंध्र के नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से नाराज होकर बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली आत्मसमर्पण का रास्ता चुन रहे हैं, पुलिस की तरफ से मिल रहे रियायत के वायदे और पुनर्वास का फायदा अलग आकर्षित कर रहा है,

समर्पण करने वाले नक्सलियों में  बारसूर इलाके में सक्रिय कमांडर पंडरू भी शामिल है. नक्सलियों के पूर्वी डिवीजन कमेटी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके एक लाख के ईनामी नक्सली पंडरू ने बताया कि उसने आंध्र प्रदेश से आए अपने सीनियर नक्सल कमांडर से फोन रखने की अनुमति मांगी और शादी करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उसे यह अनुमति नहीं मिली. उसने केवल गाना सुनने के लिए फोन खरीदा था, लेकिन यह फोन भी नक्सलियों ने जब्त कर लिया. नाराज और निराश होकर उसने आत्मसमर्पण का फैसला किया.

तमाम नक्सलियों का सीआरपीएफ के सीईओ नरेंद्र सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण करवाया गया. आत्मसमर्पण करने वाले अन्य 8 नक्सली जन मिलिशिया सदस्य हैं, जो बारसूर और उससे लगे इलाके में सक्रिय थे. पुलिस की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाया करते थे. इसके अलावा रास्तों पर बम लगाना, सड़के काटना, नक्सलियों के लिए आवागमन एवं भोजन का प्रबंध करना उनके सहयोगी के तौर पर यह सभी नक्सली काम कर रहे थे. इन सब के आत्मसमर्पण से सीआरपीएफ और जिला पुलिस दोनों को इलाके में अपने ऑपरेशन में फायदा होगा.