Nirbhaya-like brutality in Gujarat: गुजरात में दिल्ली की निर्भया जैसी दरिंदगी की गई है। गुजरात में राजकोट (Gujarat Rajkot Rape) जिले के अटकोट में आरोपी रेप करने में नाकाम होने पर 6 साल की बच्ची के गुप्तांग में रॉड (सरिया) डाल (rod inserted into genitals of a 6-year-old girl) दिया। बच्ची को गंभीर हालात में राजकोट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान रामसिंह तेरसिंह के रूप में हुई जो मध्य प्रदेश के अलीराजपुर का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी की पहचान के लिए करीब 100 संदिग्धों से पूछताछ की।
राजकोट ग्रामीण एसपी विजयसिंह गुर्जर ने बताया कि पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया। साथ ही 10 टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। करीब 100 संदिग्धों से पूछताछ की गई।
इस तरह वारदात को दिया अंजाम
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दाहोद जिले का मजदूर परिवार अटकोट थाना अंतर्गत एक गांव के पास खेत में मजदूरी करता है। 4 दिसंबर को जब परिवार खेत में काम कर रहा था, तब उनकी छह साल, आठ महीने की बेटी वहीं खेल रही थी। इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति बच्ची को उठाकर ले गया और उसके साथ दरिंदगी की। आरोपी ने बच्ची का मुंह दबाकर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। जब बच्ची चीखी तो उसने बच्ची के गुप्तांग में रॉड जैसा धारदार हथियार डाल दिया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी लहूलुहान बच्ची को वहीं छोड़कर फरार हो गया।
जब परिजनों ने बच्ची की तलाश शुरू की, तो वह पास में ही खून से लथपथ मिली। बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए परिजन उसे तुरंत राजकोट के अस्पताल ले गए। बच्ची का फिलहाल इलाज चल रहा है।
आरोपी की एक बेटी और दो बेटा
पुलिस ने मुख्य आरोपी 30 वर्षीय रामसिंह तेरसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गुजरात के अटकोट में राजमिस्त्री का काम करता है। उसके एक बेटी और दो बेटे हैं। आरोपी को घटना वाले खेत के बगल वाले खेत से पकड़ा गया है।
क्या है निर्भया कांड
दरअसल दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को 6 लोगों ने निर्भया के साथ गैंगरेप किया था। उसके गुप्तांग में लोहे की रॉड डाल दी थी। हालत गंभीर होने पर 27 दिसंबर को निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां 29 दिसंबर को माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। निर्भया के साथ गैंगरेप और हत्या के दोषी चार लोगों- मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को साल 2020 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। वहीं एक दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। छठा आरोपी घटना के दौरान नाबालिग था। साल 2015 में उसे रिहा कर दिया गया था।
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