शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की विधायक निर्मला सप्रे के दलबदल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में जवाब दिया है। निर्मला ने कहा कि न मैंने कांग्रेस छोड़ी है और न बीजेपी ज्वाइन की है। उनके इस बयान से प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुई थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इसे लेकर उमंग सिंघार ने विधानसभा में आवेदन दिया था। विधानसभा सचिवालय ने नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर निर्मला सप्रे को नोटिस जारी किया था।

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निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का दो बार जवाब नहीं दिया था। नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक सप्ताह का समय दिया था। निर्मला ने 10 अक्टूबर को बंद लिफाफे में उत्तर भेजा। नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर निर्मला सप्रे ने जवाब देते हुए कहा था कि मैंने दलबदल नहीं किया है। इस मामले की सुनवाई अब विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर 21 अक्टूबर को कर सकते हैं। स्पीकर कांग्रेस से दलबदल के सबूत पेश करने को कह सकते हैं।

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विजयपुर, बुधनी में ऐलान, बीना में अधर में उपचुनाव

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की विजयपुर और बुधनी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया। इधर, बीना विधानसभा उपचुनाव अधर में हैं। निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस दल बदल कानून के तहत इस्तीफा पर जोर दे रही है। विधायक पद से इस्तीफा होने के बाद ही बीना में उपचुनाव हो सकेगा।

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