रायपुर. शराबबंदी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता निश्चय वजपेयी ने भूपेश बघेल सरकार की नीति पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि रमन सरकार ने कई बार इसी तरह दुकानों की संख्या कम कर और शराब का दाम बढ़ाकर शराबबंदी की दिशा मे कदम बढ़ाने का दावा किया था, जबकि हर बार परिणाम उलट ही आया. शराब की खपत और बढ़ी, साथ ही अवैध शराब का करोबार भी.
निश्चय बाजपेयी ने कहा कि महसूस होता है कि इस विषय पर सरकार उन्हीं लोगों की सलाह पर चल रही है, जो रमन सरकार को दारूबंदी के नए-नए ढकोसले बताते थे. सरकार ने शराबबंदी के लिए कमेटी की घोषणा की थी, उसका कोई अता-पता नहीं है. इस बीच साबित तौर पर असफल तरीके को अपनाकर सरकार आशंका पैदा कर रही है कि कहीं वो रमन सरकार की तरह शराबबंदी का केवल दिखावा तो नहीं करना चाहती है. यह फैसला उत्साह कम और निराशा ज्यादा पैदा कर रहा है.
रमन सरकार के पदचिन्हों पर भूपेश सरकार ?
रमन सरकार ने कई बार इसी तरह दुकानों की संख्या कम कर और शराब का दाम बढ़ाकर शराबबंदी की दिशा मे कदम बढ़ाने का दावा किया था, जबकि हर बार परिणाम उलट ही आया. शराब की खपत और बढ़ी, साथ ही अवैध शराब का करोबार भी. दुकानों की संख्या कम होने का असर इसलिये नहीं होता क्योंकि 8 पौआ प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति के नियम ने गली-गली में कोचिया पैदा कर दिए हैं. यदि शराब की खपत पर रोक लगानी है तो 8 पौवा की छूट खत्म की जाए.