राउरकेला. शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि पूर्वी भारत में एक प्रमुख सहयोगात्मक शोध कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राउरकेला को नोडल संस्थान के रूप में चुना गया है.
इस निर्णय का उद्देश्य ओडिशा के कई विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक और शोध क्षमताओं को सशक्त बनाकर इस क्षेत्र को ज्ञान का केंद्र बनाना है. साथ ही, केंद्र सरकार इस कार्यक्रम को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और इसके सफल क्रियान्वयन हेतु आधिकारिक अधिसूचना भी जारी करेगी.
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इस पहल के अंतर्गत एनआईटी राउरकेला, राज्य के छह प्रमुख विश्वविद्यालयों को संपूर्ण अनुसंधान अधोसंरचना और शैक्षणिक सहयोग उपलब्ध कराएगा:
- वीर सुरेन्द्र साय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीएसएसयूटी), बुर्ला
- संबलपुर विश्वविद्यालय
- ओडिशा प्रौद्योगिकी और अनुसंधान विश्वविद्यालय (आउटर), भुवनेश्वर
- ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी), भुवनेश्वर
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भुवनेश्वर
- फकीर मोहन विश्वविद्यालय, बालासोर
पूर्वी भारत के एकमात्र एनआईटी के रूप में इस प्रतिष्ठित जिम्मेदारी के लिए चयनित होकर, एनआईटी राउरकेला अब एक केंद्रीय अनुसंधान केंद्र की भूमिका निभाएगा. संस्थान की उन्नत प्रयोगशालाएं, अंतःविषय अनुसंधान केंद्र और अनुभवी संकाय अब इन साझेदार विश्वविद्यालयों के छात्रों और शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे.
NIT Rourkela के वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो. हिमांशु भूषण साहू ने कहा, “यह सहयोग हमारे छात्रों को तकनीकी और अंतःविषय क्षेत्रों में उच्च स्तरीय अनुसंधान और नवाचार की जानकारी देगा.”
संस्थान के निदेशक प्रो. के. उमामहेश्वर राव ने इस चयन पर गौरव व्यक्त करते हुए कहा, “हमें गर्व है कि राउरकेला को इस दूरदर्शी पहल के केंद्र बिंदु के रूप में चुना गया है. यह हमारे शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति समर्पण का प्रमाण है.”
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