पटना। बिहार की सियासत में आज का दिन खास रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह 10:30 बजे मंत्रिमंडल सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। यह बैठक हर मंगलवार की तरह नियमित रही, लेकिन चुनावी साल होने के कारण इसके राजनीतिक मायने हैं। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सुबह 11:30 बजे सूचना भवन के संवाद कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें लिए गए फैसलों की जानकारी साझा की गई।

26 एजेंडा पर लगी मुहर

बिहार में उद्योग और निवेश को नई ऊंचाई देने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नए औद्योगिक पैकेज 2025 को मंजूरी दी गई। इस पैकेज के तहत बड़े निवेशकों को मुफ्त जमीन, ब्याज सब्सिडी और टैक्स में भारी छूट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

25 एकड़ तक की जमीन मुफ्त दी जाएगी

कैबिनेट में पारित फैसले के मुताबिक, 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली और 1000 से अधिक डायरेक्ट रोजगार देने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक मुफ्त जमीन आवंटित की जाएगी। वहीं, 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली इकाइयों को 25 एकड़ तक की जमीन मुफ्त दी जाएगी।

सब्सिडी का प्रावधान किया गया

यही नहीं, 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, नई इकाइयों के प्रोजेक्ट कॉस्ट का 300 प्रतिशत तक स्टेट GST 14 साल तक माफ किया जाएगा। यानी बड़े निवेशकों के लिए यह पैकेज अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।

कैबिनेट के 26 प्रस्तावों को मंजूरी

पटना में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 26 एजेंडों को मंजूरी मिली, जिनमें उद्योग को बढ़ावा देने वाले इस पैकेज को सबसे अहम माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि इस फैसले से न केवल राज्य में औद्योगिक माहौल सुधरेगा, बल्कि रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे।

निवेशकों को लुभाने की कोशिश

बिहार लंबे समय से औद्योगिक निवेश के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता है। ऐसे में यह पैकेज राज्य में निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बिहार में लगेंगे और युवा वर्ग को रोजगार मिलेगा। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पैकेज से निवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी। साथ ही, सरकार निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराकर बिहार को एक उद्योग-अनुकूल राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

16 एजेंडों पर मुहर लगी थी मुहर

पिछली बैठक में 16 एजेंडों पर मुहर लगी थी, जिसमें सरकारी नौकरी के आवेदन शुल्क को अधिकतम 100 रुपए करने का फैसला शामिल था। यह निर्णय युवाओं के लिए बड़ी राहत साबित हुआ।

सुशासन के एजेंडे पर जोर

आज की बैठक में भी नीतीश सरकार कुछ ऐसे ही फैसले लिए है जो सीधे जनता से जुड़े है। वही राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी साल में मतदाताओं को साधने के लिए कई घोषणाएं हो रही है। इन घोषणाओं को चुनाव के पहले भी किया जा सकता था।

चुनावी साल में बढ़ा महत्व

पिछली कैबिनेट बैठकों में लिए गए फैसले जैसे युवा आयोग का गठन, महिलाओं के लिए 35% आरक्षण, और दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन राशि दर्शाते हैं कि सरकार संतुलित तरीके से समाज के हर वर्ग को ध्यान में रख रही है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे फैसलों को विपक्ष चुनावी लाभ पाने की कोशिश के रूप में देख सकता है। आज की बैठक के फैसले भी इसी नजरिए से किया गया है।

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