दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High-Court)ने 2002 के बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड (Nitish Katara murder) में उम्रकैद की सजा काट रहे विकास यादव की शादी के लिए अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पीड़ित पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यादव ने कोर्ट से दलील दी है कि उसकी शादी 5 सितंबर को तय है और उस पर लगे 54 लाख रुपये के जुर्माने की व्यवस्था करने के लिए उसे अस्थायी रिहाई दी जाए।

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कोर्ट ने केंद्र समेत अन्य को नोटिस किया जारी

सुनवाई के दौरान जस्टिस रविंद्र डुडेजा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, दिल्ली सरकार और नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा को नोटिस जारी कर 2 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। विकास यादव की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि वह पहले ही 23 साल से अधिक की सजा काट चुका है और अब वह संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार) का हवाला देते हुए शादी के लिए अस्थायी छूट चाहता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील से मजबूत आधार देने के लिए कहा

विकास यादव की ओर से वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उसके पास कोई आय का स्रोत नहीं है और प्रस्तावित शादी उसके जीवन को दोबारा शुरू करने का आखिरी अवसर हो सकता है। वहीं, नीतीश कटारा की मां की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि दोषसिद्धि के बाद अंतरिम जमानत का कोई कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं है।

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पीड़ित पक्ष की ओर से वकील ने तर्क दिया कि दोषसिद्ध व्यक्ति को केवल पैरोल या फरलो का ही अधिकार मिल सकता है, अंतरिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि दोषसिद्धि के बाद अंतरिम जमानत का प्रावधान “पूरी तरह अनसुना” है। अदालत ने विकास यादव की ओर से पेश वकील से कहा कि वे इस मांग पर गहराई से विचार कर ठोस कानूनी आधार/नज़ीरें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें।

मां की बीमारी का दिया था हवाला

इससे पहले विकास यादव को मां की देखभाल का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत मिली थी। अब जेल से बाहर आने के बाद उसके वकीलों ने दिल्ली हाईकोर्ट में स्थायी रिहाई की मांग की है। याचिका के साथ कोर्ट में शादी का कार्ड भी लगाया गया, जिसमें विवाह की तारीख 5 सितंबर दर्ज है। यादव ने सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत को दो महीने और बढ़ाने की भी मांग की है। हालांकि अदालत ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई अंतरिम जमानत और इस नई याचिका का आपस में कोई संबंध नहीं है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि विकास यादव को 26 अगस्त तक जेल में सरेंडर करना होगा।

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यूपी के वरिष्ठ नेता डी.पी. यादव का बेटा है विकास यादव

दरअसल, विकास यादव यूपी के वरिष्ठ नेता डी.पी. यादव का बेटा है। 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में उसके साथ-साथ चचेरे भाई विशाल यादव और सहयोगी सुखदेव पहलवान को भी दोषी ठहराया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि दोषी हाईकोर्ट में राहत/छूट की याचिका दायर कर सकते हैं।

क्या है नीतीश कटारा हत्याकांड?

नीतीश कटारा की कहानी 1998 से शुरू होती है, जब उन्होंने गाज़ियाबाद के एक कॉलेज में एमबीए के लिए दाख़िला लिया। इसी कॉलेज में उनकी मुलाक़ात भारती यादव से हुई। भारती उस समय के प्रभावशाली राज्यसभा सांसद डी.पी. यादव की बेटी थीं और एक बेहद संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती थीं। कॉलेज के दिनों में नीतीश और भारती की दोस्ती गहरी होती चली गई और यह रिश्ता धीरे-धीरे प्यार में बदल गया।

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साल 2001 तक नीतीश कटारा और भारती यादव का रिश्ता गहराई तक पहुँच चुका था। दोनों एक-दूसरे से शादी करने की योजना भी बना चुके थे। लेकिन भारती के परिवार को यह रिश्ता मंज़ूर नहीं था। खासकर भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव इस रिश्ते का कड़ा विरोध कर रहे थे। दोनों का कहना था कि वे अपनी बहन को किसी भी हाल में “मिडिल क्लास लड़के” के साथ नहीं देख सकते। यही नाराज़गी आगे चलकर नीतीश की हत्या की बड़ी वजह बनी।

16 फरवरी 2002 को भारती यादव की बचपन की दोस्त की शादी थी। भारती ने नीतीश कटारा को भी समारोह में बुलाया था। दोनों शादी में पहुंचे, लेकिन आधी रात करीब 12 बजे के बाद से नीतीश लापता हो गया। चश्मदीदों के अनुसार, उसे विकास यादव और विशाल यादव के साथ आखिरी बार देखा गया था। अगली सुबह खुर्जा (उत्तर प्रदेश) से लगभग 80 किलोमीटर दूर एक जला हुआ शव बरामद हुआ। बाद में पुष्टि हुई कि यह शव नीतीश कटारा का ही था। जांच में सामने आया कि विकास यादव और विशाल यादव ने मिलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी।