Nitish Katara Murder Case: देश के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाया है। देश के शीर्ष न्यायालय ने चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में सजा पूरा कर चुके दोषियों को तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकारों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे कैदियों को चिन्हित करने का आदेश दिया, जो सजा पूरा करने के बाद भी जेल में हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि अगर कोई भी ऐसा दोषी अभी भी जेल के अंदर सजा काट रहा है और वो किसी दूसरे मामले में वांटेड नहीं है तो उसको तुरतं रिहा किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुखदेव पहलवान की याचिका पर सुनवाई की। यादव, जिन्होंने अपनी पूरी सजा काट ली है, को सजा में छूट पर विचार किए बिना ही रिहा करने का आदेश देते हुए यह निर्देश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि उसका आदेश राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के सदस्य सचिव को भेजा जाए, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे देश भर के संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों तक पहुंचाया जाए।

सजा पूरी करने वाले कैदियों की तत्काल रिहाई का आदेश

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने एक अभियुक्त को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि उसने बिना किसी रियायत के अपनी सजा पूरी कर ली है, इसलिए उसकी तुरंत रिहाई होनी चाहिए। पीठ ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिन व्यक्तियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है उन्हें बिना किसी देरी और अतिरिक्त औपचारिकताओं के तुरंत रिहा किया जाए, क्योंकि कानूनन कोई भी व्यक्ति तय अवधि से अधिक समय तक जेल में नहीं रह सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यादव को अपनी सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया जाना चाहिए था। पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को 9 मार्च 2025 के बाद जेल में नहीं रखा जा सकता बल्कि अपीलकर्ता को 10 मार्च, 2025 को ही रिहा करना चाहिए था, क्योंकि उसने अपनी सजा को पूरा कर लिया था।

क्या होता है फर्लो?

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले यादव को तीन महीने का फर्लो यह बताते हुए दिया था कि वह बिना किसी रियायत के लगातार 20 वर्षों तक जेल में रह चुके हैं। फर्लो एक तरह से जेल से अस्थायी रिहाई होती है, न कि पूरी सजा का निलंबन या छूट। यह आमतौर पर ऐसे लंबी अवधि के कैदियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी सजा का एक निश्चित हिस्सा पूरा कर लिया हो। सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2024 के उस आदेश को यादव की याचिका में चुनौती दी गई थी जिसमें जिसमें तीन हफ्ते के फर्लो की उनकी मांग खारिज कर दी गई थी।

नीतीश कटारा हत्याकांड

3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को नीतीश कटारा के सनसनीखेज अपहरण और हत्या के मामले में दोषी पाते हुए बिना किसी रियायत के 25 साल की कैद की सजा सुनाई। इसी मामले में सह-दोषी सुखदेव यादव को 20 साल की सजा मिली है। 16-17 फरवरी 2002 की रात तीनों ने एक विवाह समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण किया और विकास यादव की बहन भारती यादव से उसके कथित संबंध के कारण उसकी हत्या कर दी गई थी। भारती उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री डीपी यादव की बेटी हैं।

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