निवाड़ी। मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाले निवाड़ी विधायक निधि दुरुपयोग मामले में अब तस्वीर साफ हो गई है। भाजपा विधायक अनिल जैन को जिला प्रशासन की जांच में पूरी तरह क्लीन चिट मिल गई है। आरटीआई से उठे सवालों के बाद जो आरोप लगाए गए थे, वे निराधार साबित हुए।
जांच में क्या निकला?
निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से 2025 के बीच विधायक अनिल जैन को लगभग ₹16.5 करोड़ की विधायक निधि मिली थी। आरोप था कि इतने वर्षों में उन्होंने कोई ठोस विकास कार्य नहीं कराया और राशि का दुरुपयोग किया गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार निवाड़ी के नेतृत्व में एक जांच दल गठित किया। इस टीम ने सभी विकास कार्यों का स्थल पर जाकर निरीक्षण किया। जांच में सामने आया कि विधायक निधि से किए गए कार्यों में— यात्री प्रतीक्षालय, सामुदायिक भवन, मंदिरों के चबूतरे और बाउंड्री वॉल जैसे कई स्थायी विकास कार्य पूरे कराए गए। केवल एक कार्य अधूरा पाया गया, जिसका भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है।
कलेक्टर ने क्या कहा?
निवाड़ी कलेक्टर जमुना भिड़े ने पुष्टि करते हुए बताया, “सभी विकास कार्यों की विधिवत जांच कराई गई है, जो एकदम सही पाए गए हैं। केवल एक कार्य को छोड़कर बाकी सभी कार्य पूर्ण पाए गए। शिकायत पूरी तरह निराधार है।”
विधायक अनिल जैन को मिली बड़ी राहत
इन निष्कर्षों के बाद जिला प्रशासन ने विधायक अनिल जैन को क्लीन चिट दे दी है। इस रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हो गया कि विधायक निधि का सही उपयोग किया गया और विकास कार्य जमीन पर मौजूद हैं।
राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने की थी मंशा
भाजपा खेमे में इसे एक बड़ी राहत माना जा रहा है। वहीं, स्थानीय स्तर पर भी यह खबर चर्चा में है कि आरोप लगाने वालों की मंशा राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने की थी, लेकिन प्रशासनिक जांच ने सभी शंकाओं को दूर कर दिया।
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