धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत बने तालाब में किसानों की जमीन डूब गई। दरअसल, सरपंच ने निजी भूमि पर तालाब बनवा दिया। इसे लेकर किसान ने अनोखा प्रदर्शन किया। वे दंडवत होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने

निवाड़ी जिले के ग्राम पंचायत बिरोरा खेत में रहने वाले चिंतामण लुहार, कुलदीप विश्वकर्मा, दशरथ सिंह समेत कई किसानों की जमीन ‘अमृत सरोवर योजना’ के तहत बनाए गए तालाब में पूरी तरह डूब चुकी हैं। तालाब निर्माण कार्य सरपंच ज्ञान सिंह दांगी के निर्देश पर कराया गया था। पीड़ितों का आरोप है कि उन्होंने तालाब निर्माण के दौरान ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत व जिला पंचायत को आवेदन देकर निर्माण रोकने की मांग की थी, लेकिन कही भी सुनवाई नहीं हुई।

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जलभराव से 15 एकड़ भूमि बर्बाद

आज मंगलवार को जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और लगभग 15 एकड़ निजी भूमि जलभराव से बर्बाद हो गई। सैकड़ों पेड़ सूख गए, तो महिला, पुरुष और वृद्ध, सभी जमीन पर लेटते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। पीड़ित ग्रामीण चिंतामण लुहार, कुलदीप विश्वकर्मा और दशरथ सिंह ने बताया कि सरपंच ज्ञान सिंह दांगी ने उनकी निजी उपजाउ भूमि पर तालाब बनवा दिया, जिससे उनकी पूरी जमीन डूब गई।

कई बार किया आवेदन, मिला सिर्फ आश्वासन

उन्होंने बताया कि हमने कई बार आवेदन दिया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब हमारी जमीन पूरी तरह डूब चुकी है, खेत नहीं बचे, पानी में डूबने के कारण बहुत सारे हरे भरे पेड़ बर्बाद हो चुके है और वो सभी जल भराव के कारण खेती नहीं कर पा रहे है। इस कारण किसानों और उनके परिवार को आर्थिक परेशानियां झेलना पड़ रही है।

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किसानों ने की ये मांग

पीड़ितों ने बताया कि जब तालाब निर्माणाधीन था तब भी उन सभी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और जनपद पंचायत को तालाब निरस्त करने के संबंध में आवेदन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज फिर उन्होंने कलेक्टोरेट में आवेदन देकर निवेदन किया कि तालाब निर्माण कार्य को निरस्त किया जाए और जो भी नुकसान हुआ है उसका आंकलन कर क्षतिपूर्ति दिलाया जाए।

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