नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि दिल्ली में जाम की दिक्कत चालान काटने से नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ तरीके से पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी ड्यूटी करने से खत्म होगी.
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी में जहां अमूमन ज्यादा ट्रैफिक जाम देखा जाता है, वहां पुलिस नदारद रहती है. ये सवाल पूछे जाने पर पुलिस के पास रटा-रटाया जवाब होता है कि उन्होंने इतने समय में वाहनों के इतने चालान काटे. जबकि वाहनों का चालान काटना एक प्रक्रिया है और ट्रैफिक को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करना समाधान है. हाईकोर्ट ने ट्रैफिक जाम को लेकर आठ साल पहले दायर एक जनहित याचिका पर यी टिप्पणी की. इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने छह साल पहले पुलिस को आदेश भी जारी किए थे, लेकिन उसका अनुपालन नियमिततौर पर नहीं किया गया. दरअसल साउथ एक्स पार्ट वन के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिकारी राजीव गोयल, गौरव बत्रा और मनजीत सिंह चुघ ने वर्ष 2012 में जाम को लेकर याचिका दायर की थी.