रायपुर- गोबर पर छिड़ी सियासत के बीच छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता अजय चंद्राकर के दिए उस बयान से किनारा कर लिया है, जिसमें उन्होंने गोबर की तुलना राजकीय प्रतीक से की थी. चंद्राकर ने भूपेश सरकार के गोबर खरीदने के फैसले पर एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि-छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह से जब यह पूछा गया, उन्होंने कहा कि इस मामले में अजय चंद्राकर ने अपना जवाब दे दिया है, लेकिन मीडिया ने जब गोबर खरीदी के फैसले पर राय जाननी चाही, तब उस पर रमन सिंह ने कहा कि- हम गोबर खरीदी का विरोध नहीं कर रहे.
इधर अजय चंद्राकर के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद राज्य की सियासत गोबर पर जा टिकी है. कांग्रेस ने चंद्राकर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. नेताओं ने एक के बाद एक कई बयान जारी किए. कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडलर INCChhattisgarh से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि- आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से बीजेपी के नेताओं को काफ़ी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए. दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएँ. कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग़ में घुसेंगी.
हालांकि पूर्व मंत्री ने उनकी टिप्पणी के बाद सामने आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच एक दूसरा ट्वीट कर लिखा कि-
मेरे लिखे लफ्ज़ ही बस पढ़ पाया वो,

मुझे पढ़ पाए इतनी उसकी तालीम ही नहीं थी…

https://twitter.com/Chandrakar_Ajay/status/1276743255082758145