रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने चालू खरीफ सत्र की धान ख़रीदी शुरू होने के बीच प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि पिछले वर्ष ख़रीदे गए धान मूल्य की अंतर राशि की चौथी किश्त का भुगतान कब तक किया जाएगा? जब पिछले वर्ष की ही पूरी राशि किसानों को नहीं दी गई है तो प्रदेश सरकार बताए कि चालू खरीफ सत्र का धान ख़रीदकर उसका भुगतान वह किस तरह और कब तक करेगी? श्री मूणत ने प्रदेश सरकार को याद दिलाकर आगाह किया है कि केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानून के मुताबिक़ उसे किसानों को तीन दिनों के भीतर पूरा भुगतान करना होगा।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भी याद दिलाया है कि उन्होंने नई धान ख़रीदी से पहले किसानों को पुराना बकाया पूरा भुगतान नहीं होने पर इस्तीफ़ा तक देने की बात कही थी। श्री मूणत ने कहा कि मंत्री सिंहदेव के कथन से प्रदेश के किसानों को यह उम्मीद बंधी थी कि शीघ्र उन्हें पिछला बकाया भुगतान मिल जाएगा, लेकिन अब तो राजा का आश्वासन भी किसानों के काम आते नहीं दिख रहा हैं, घोषणा पत्र की तरह ही राजा का आश्वासन भी झूठा ही साबित हो रहा है। श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ जितने छलावे अपने दो साल के कार्यकाल में कर चुकी है, उससे किसानों में उसकी साख पूरी तरह ख़त्म हो चुकी है और अपनी इस विफलता पर पर्दा डालने के लिए नित-नए झूठ गढ़कर और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप कर किसानों को बरगलाने के हथकंडे आजमा रही है। प्रदेश सरकार को बताना चाहिए कि जनघोषणा पत्र में किए वादे के अनुरूप दो वर्ष के बकाया बोनस का चौदह हजार करोड़ का भुगतान कब करेगी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश सरकार किसानों को परेशान करने पर उतारू है। धान ख़रीदी शुरू हो गई है लेकिन ख़रीदी केंद्रों में कोई पुख़्ता इंतज़ाम तक नहीं हैं। किसानों को जब टोकन देने की बात तय हुई थी तो प्रदेश सरकार बताए कि ऐन वक़्त पर किसानों के मामलों में ही ऐन वक़्त पर उसका सॉफ्टवेयर, इंतज़ाम और तंत्र क्यों दम तोड़ गया? श्री मूणत ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए जो कांग्रेस नेता नवम्बर से धान ख़रीदी शुरू कराने पर उतारू रहते थे, उन्हें अब इस बात का जवाब देते हुए आत्म चिंतन करना चाहिए कि सत्ता में आने के बाद वे धान ख़रीदी एक माह देर से शुरू कर रहे हैं और तमाम तरह के किसान विरोधी फ़रमानों के साथ सिर्फ़ दो माह ही धान ख़रीदी की बात कर रहे हैं। यह किसानों के साथ अन्याय है और भाजपा किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी।
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