रायपुर – छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय रस्तोगी ने आज बताया कि वर्तमान में प्रस्तावित कटघोरा, मुंगेली, कवर्धा, डोंगरगढ़ लाईन का सर्वेक्षण केवल तकनीकी एवं वाणिज्यिक बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह लाईन रेल्वे द्वारा सन् 2011 में सर्वेक्षित लाईन से अलग है, क्योंकि पूर्व में रेल्वे के द्वारा उसलापुर से प्रारंभ करते हुए रेल्वे लाईन का सर्वेक्षण किया गया था, जबकि वर्तमान में कटघोरा से प्रारंभ करते हुए रेल्वे लाईन का सर्वेक्षण किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सर्वेक्षित लाईन कवर्धा जिले के ग्राम घोटिया से नहीं जाती है, बल्कि घोटिया से चार किलोमीटर दूर से जाती है। प्रस्तावित लाईन में ग्राम घोटिया की कोई भूमि नहीं ली जा रही है। ज्ञातव्य है कि भारतीय रेल्वे के द्वारा वर्ष 2011 में उसलापुर, मुंगेली, कवर्धा, डोंगरगढ रेल लाईन का सर्वे कराया गया था। इस लाईन का रेट ऑफ रिटर्न मात्र 4 प्रतिशत होने के कारण इसकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी । वर्ष 2016 में रेल मंत्रालय एवं छत्तीसगढ शासन के द्वारा फाईनेंसियली वाएबल और बैंकेबल परियोजनाओं के चयन एवं क्रियान्वयन हेतु छत्तीसगढ रेल कार्पोरेशन लिमिटेड नामक संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाई गई है। कंपनी ने कुछ परियोजनाएं चिन्हित की, जिनमें एक कटघोरा, मुंगेली, कवर्धा और डोंगरगढ शामिल है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस परियोजना का क्रियान्वयन उक्त कंपनी महाराष्ट्र विद्युत उत्पादन कंपनी और प्रायवेट निवेशकों के द्वारा गठित संयुक्त उपक्रम कंपनी के माध्यम से किया जाएगा । इस रेल लाईन से महाराष्ट्र विद्युत उत्पादन कंपनी के कोयले का भी परिवहन होगा। यह परियोजना बैंकेबल हो और महाराष्ट्र के लिए भी लाभकारी हो इसलिए इस रेल लाईन की यथा संभव न्यूनतम लंबाई रखते हुए मुंगेली एवं कवर्धा को रेल लाईन से जोडते हुए इस लाईन का रूट चिन्हित किया गया है ।