ईंधनों की बढ़ती महंगाई की मार से परेशान अब ड्राइवर यूनियन हड़ताल की चेतावनी दे चुका है. बता दें कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते रेट के कारण ओला उबर ने 11 से 15 फीसदी तक किराया दर बढ़ा दिया है.

नई दिल्ली. ईंधन की बढ़ती कीमतों से हर कोई परेशान है, इसका असर देश के बड़े कैब एग्रीगेटर्स जैसे Ola और Uber पर भी देखने को मिला है. ईंधन की बढ़ी कीमतों के चलते उबर और ओला के ड्राइवर लगातार मांग कर रहे हैं कि कैब सर्विस की दरें बढ़ाई जाएं. Ola और Uber ड्राइवरों समेत ड्राइवर यूनियनों ने बताया कि अगर ईंधन की कीमतों में कमी नहीं की गई, तो वे 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. हालांकि, उबर और ओला ने अपने ड्राइवरों की मांग को स्वीकार करते हुए कैब सर्विस की दरों को कुछ फीसदी तक बढ़ाया है.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

ड्राइवर यूनियनों ने सरकार को 6 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार फ्यूल प्राइस को कम नहीं करती है, तो सभी ड्राइवर यूनियन मिलकर इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. ड्राइवर यूनियनों ने सीएनजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी या शहर में चलने वाले ऑटो रिक्शा, कैब और पर्यटक वाहनों जैसे यात्री वाहनों के लिए ईंधन शुल्क में छूट की मांग की है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी मांगों के बारे में पत्र लिखा है.

18 अप्रैल को जंतर-मंतर पर होगा विरोध प्रदर्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर सरकार ईंधन की कीमतों को कम नहीं करती है तो दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ दिल्ली एक्सपर्ट ड्राइवर सॉल्यूशन एसोसिएशन और सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन 18 अप्रैल को जंतर-मंतर पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

ola uber cabs sealed in delhi

ड्राइवरों ने टैक्सी कंपनियों पर लगाया हस्तक्षेप

सरकार ओला उबर जैसी कंपनियों पर कोई लगाम नहीं लगा रहीं हैं. ये टैक्सी कंपनियां 6 रुपए किलो मीटर में चल रहीं हैं और ओला उबर ड्राइवर से 25 फीसद से भी ज्यादा कमिशन ले रहीं हैं, ड्राइवरों और यूनियनों का कहना है कि जब सरकार हर तरह के ऐप बना सकती है, तो राजधानी में चलने वाली टैक्सियों के लिए ऐप क्यों नहीं बना सकती है. साथ ही सरकार को ईंधन कीमतों के लिए एक उचित दर फिक्स करनी चाहिए.

क्यों और कितना बढ़ा ओला-उबर का किराया?

आपको बता दें कि देश में 22 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतें 10 रुपये तक बढ़ गई हैं. वहीं, सीएनजी की कीमत में भी पिछले तीन महीनों में 15 रुपये का इजाफा हुआ है. इसके चलते ओला-उबर पर ड्राइवरों द्वारा सर्विस रेट बढ़ाने का जबरदस्त दबाव था. ड्राइवरों की भारी मांग को देखते हुए उबर ने देश के कई हिस्सों में अपनी सर्विस में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है, वहीं ओला ने अपने किराये में 11 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है.

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