विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशकंर ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के मुद्दे पर हम किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। 1970 के दशक से आज पचास साल बीत चुके हैं और ये एक राष्ट्रीय सहमति है।”

उन्होंने कहा कि जब व्यापार की बात आती है, किसानों के हितों की बात आती है, जब हमारी रणनीतिक स्वायत्तता की बात आती है, जब मध्यस्थता के विरोध की बात आती है, तो यह सरकार बहुत स्पष्ट है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ लगाने से पहले रूस से तेल खरीदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हमने कभी ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा, जिसने विदेश नीति को ट्रंप की तरह सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो। यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका, यहां तक कि अपने देश के साथ व्यवहार करने का तरीका, पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत बड़ा बदलाव है। मैं कुछ उदाहरण देना चाहता हूं कि जैसे केवल व्यापार के लिए इस तरह से टैरिफ लगाना सामान्य है, लेकिन गैर व्यापार मुद्दों पर टैरिफ लगाना सही नहीं है।

किसानों के हित के लिए जो कुछ करना होगा, करेंगे- जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा कि अगर कोई हमसे असहमत है, तो कृपया भारत के लोगों को बताएं कि आप किसानों के हितों की रक्षा के लिए तैयार नहीं हैं। कृपया भारत के लोगों को बताएं कि आप रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व नहीं देते हैं। हम देते हैं। इसे बनाए रखने के लिए हमें जो कुछ भी करना होगा, हम करेंगे।

जयशंकर ने अमेरिका पर किया कटाक्ष

जयशंकर ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर आपको भारत से तेल खरीदने में कोई समस्या है, तो न खरीदें। कोई आपको खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। अगर आपको पसंद नहीं है, तो न खरीदें।” विदेश मंत्री ने अमेरिका-यूरोप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी ने भी किसी को भारत से तेल खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया।

‘एक बाजार पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं’

विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के अनुभव ने हमें सिखाया है कि किसी एक आपूर्ति श्रृंखला या किसी एक देश के स्रोत पर अत्यधिक निर्भर न रहें। किसी एक बाजार पर निर्भर न रहें। इसलिए यह केवल सोर्सिंग से उत्पादन तक नहीं है, यह उत्पादन से बाजार तक भी है। अब इसका मतलब यह नहीं है कि आप कहीं से स्विच ऑफ कर दें। इसका मतलब है कि आप विविधता लाते हैं, इसका मतलब है कि आप हेजिंग करते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात, जो सरकार का निरंतर संदेश है कि आप घर पर अधिक काम करते हैं। हम जानते हैं कि घर पर अधिक काम करना कठिन काम है। यह जटिल है, इसके लिए एक अलग तरह के प्रयास की आवश्यकता होती है। इसीलिए आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जा रहा है।

ट्रंप ने किया था युद्ध रुकवाने का दावा

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं उन्होंने मई के महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। जिसे भारत ने हर मंच ने इनकार किया है। भारत का साफ कहना है कि पाकिस्तान के मुद्दे पर किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है।

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