सरकार ने सिपाही भर्ती में 10km दौड़ का नियम हटाने का फैसला लिया है. पिछली बहाली के दौरान 12 से ज्यादा मौत हुई थी जिससे झारखंड (Jharkhand) में हड़कंप मच गया था जिसे सरकार के खिलाफ विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार युवाओं को नौकरी बांटने के बजाय मौत बांट रही है. अब हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने नियामें में बदलाव को हरी झंडी दिखा दी है. सोरेन कैबिनेट की अहम बैठक में मंत्रिमंडल ने 31 प्रस्तावों पे मंजूरी की मुहर लगा दी है.

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हेमंत कैबिनेट की बैठक में मिली मंजूरी के अनुसार, अब राज्य में कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए 10 किलोमीटर की दौड़ के बजाय पुरुष अभ्यर्थियों को छह मिनट में 1600 मीटर की दौड़ पूरी करनी होगी. वहीं महिलाओं को 10 मिनट में 1600 मीटर की दौड़ पूरी करनी होगी. सरकार का यह फैसला सिपाही में बहाली की इक्षा रखने वाले तमाम अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी गई है.

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गौरतलब हे कि पिछली बहाली के दौरान 12 से ज्यादा मौत हुई थी जिससे हड़कंप मच गया था जिसे सरकार के खिलाफ विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. हेमंत सरकार पर चुनाव से पहले आरोप लगे थे कि युवाओं को नौकरी बांटने के बजाय मौत बांटा जा रही है. इसे लेकर सरकार को जवाब देना पड़ा था. भर्ती के दौरान हुई मौतों के कारण को लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर्स भी परेशान थे. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच भी की थी.

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बता दें कि पहले पुरुष अभ्यर्थियों को क्वालीफाई करने के लिए एक घंटे में 10km की दौड़ लगाने के कंडीशन थी, जबकि महिलाओं को 40 मिनट में 5km की दौड़ लगाने का क्राइटेरिया था. 2024 में 583 पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी. नियमों में संशोधन होने से अभ्यर्थियों को राहत की उम्मीद है.

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कैबिनेट बैठक में भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय के लिए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम, 2023 की धारा-26 के अन्तर्गत अपर न्यायायुक्त-1, रांची के न्यायालय को विशेष न्यायालय पदभिहित करने की स्वीकृति दी गई है. इसके अलावा झारखंड राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में PG (Medical/MDS) पाठ्यक्रम उर्तीण होने के बाद तीन साल की आवश्यक सरकारी सेवा की बाध्यता संबंधी प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी गई.

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