रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल दवे की मौत के बाद उनकी अंतिम इच्छा लिखित एक दस्तावेज़ सामने आया है. इससे पता चलता है कि न केवल जीते जी बल्कि मौत के बाद भी पर्यावरण से जुड़े रहना चाहते थे। उनकी वसीयत के मुताबिक मौत के बाद उनकी याद में कोई पुरस्कार, प्रतियोगिता, प्रतिमा या स्मारक न बनाया जाए. केवल पेड़ लगाए और उसे संरक्षित रखें.
उन्होंने लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार बदराभान में नही महोत्सव वाले स्थल पर किया जाए. उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में किसी किस्म का ताम झाम न किया जाए केवल वैदिक तरीके से दाह संस्कार किया जाए.