रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी को भ्रष्टाचार के आरोपों में क्लीनचिट मिल गई है। कुछ वेंडरों द्वारा उन पर 3% कमीशन मांगने और धमकी देने के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। जांच की जिम्मेदारी ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव को सौंपी गई थी।

ऊर्जा सचिव ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय को सौंप दी है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपों की पुष्टि के लिए कोई प्रामाणिक साक्ष्य नहीं मिले। शिकायतें बिना आधार की पाई गईं और इस आधार पर भूपेंद्र सवन्नी को आरोपमुक्त कर दिया गया है।

गौरतलब है कि क्रेडा से जुड़े कुछ ठेकेदारों ने सवन्नी पर आरोप लगाया था कि वे अपने निजी सहायक वैभव दुबे के जरिए 3 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि भुगतान न करने पर उन्हें कार्य रद्द करने, जांच कराने और ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जा रही है। वेंडरों का कहना था कि वे वर्षों से क्रेडा के तहत सोलर प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे हैं, लेकिन सवन्नी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की थी।

हालांकि भूपेंद्र सवन्नी ने इन आरोपों को पहले ही निराधार और राजनीतिक प्रेरित बताया था। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय ने जांच के आदेश दिए थे, जिसके चलते राजनीतिक हलकों में कार्रवाई की अटकलें भी लगाई जा रही थीं।

अब जब जांच रिपोर्ट में उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है, तो उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की संभावना समाप्त हो गई है। वहीं, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सवन्नी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की थी, जिससे मामला कुछ दिनों तक राजनीतिक गरमाहट का कारण बना रहा।

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