नई दिल्ली। हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार नहीं निकलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए रथयात्रा पर रोक लगा दी है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि अगर कोरोना के बीच हमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने कहा कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें बड़ी तादाद में भीड़ आती हो. लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए. बेंच ने ओडिशा सरकार से केवल पुरी में ही नहीं बल्कि राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत नहीं देने को कहा है.

रथ यात्रा को लेकर भुवनेश्वर के एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रथयात्रा से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा जताया था. एनजीओ ने तर्क दिया था कि अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर अगर अदालत दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती.