दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High-Court) ने इंडियन क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर,(Gautam Gambhir) उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण के आरोप में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने फिलहाल राहत देने से इनकार करते हुए 29 अगस्त को सुनवाई का समय तय किया. गंभीर की याचिका में FIR रद्द करने और 9 अप्रैल के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी.
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‘रोक मिल जाती है, तो आप पेश होना बंद कर देते हैं’
गौतम गंभीर की याचिका में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक बहाल करने का अनुरोध किया गया. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, “जब आपको रोक मिल जाती है, तो आप पेश होना बंद कर देते हैं, जांच रुक जाती है और सब कुछ खत्म हो जाता है.” गंभीर के वकील जय अनंत देहाद्राई ने बताया कि गंभीर एक पूर्व सांसद और क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां दान की. हाईकोर्ट ने कहा कि ये बातें मामले के लिए महत्वहीन हैं.
‘अगर कोई साधारण अनुरोध होता, तो मैं उस पर विचार करती’
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, “अगर आपने कोई साधारण सा अनुरोध किया होता, तो मैं उस पर विचार करती. आप बहुत सारी बातें बताने की कोशिश कर रहे हैं—नाम, विश्वसनीयता, किए गए काम—लेकिन ये काम नहीं करेगा.”
गौतम गंभी के वकील ने माफी मांगी
गौतम गंभीर के वकील ने माफी मांगी और कहा कि वे नाम का उल्लेख करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि निचली अदालत में सुनवाई 8 सितंबर को होनी है. वकील ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि या तो निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक बहाल की जाए, या 8 सितंबर से पहले उनकी याचिका पर सुनवाई की जाए, या गंभीर की पत्नी और मां को तलब किया जाए. वकील ने यह भी बताया कि केवल अभियोजन पर रोक लगाई गई है, जबकि पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष को नोटिस दिए बिना रोक वापस नहीं ली जा सकती.
वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा, “मुझे सुने बिना ही रोक वापस ले ली गई. दूसरे पक्ष की ओर से रोक हटाने का कोई आवेदन नहीं आया था.” अदालत ने कहा कि जिस दिन रोक हटाई गई, गंभीर के वकील पेश नहीं हुए. मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.
हाईकोर्ट ने 20 सितंबर 2021 को लगाई थी रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 सितंबर 2021 को मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई थी और गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और परिवार के सदस्यों की याचिका पर दिल्ली ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी से जवाब मांगा था. गंभीर और उनके फाउंडेशन ने निचली अदालत के समन आदेश और आपराधिक शिकायत को चुनौती दी थी. ड्रग कंट्रोल विभाग ने गौतम गंभीर, फाउंडेशन की सीईओ अपराजिता सिंह, उनकी मां सीमा गंभीर और पत्नी नताशा गंभीर (दोनों फाउंडेशन ट्रस्टी) के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की थी.
कानून के अनुसार, धारा 18(सी) बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगाती है. वहीं, धारा 27(बी)(ii) वैध लाइसेंस के बिना दवाओं की बिक्री या वितरण को तीन से पांच साल तक की जेल और जुर्माने के दायरे में लाती है.
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