नई दिल्ली . राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने इलाज में लापरवाही से 17 साल पहले हुई महिला की मौत के मामले में सफदरजंग हॉस्पिटल को राहत देने से इनकार कर दिया. आयोग ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के 2018 के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें हॉस्पिटल को मृतका के पति को मुआवजा देने व शनिवार, रविवार या छुट्टियों के दिन भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर एवं विशेषज्ञों की तैनाती सुनिश्चित करने का आदेश दिया था.
कार्यवाहक अध्यक्ष राम सूरत राम मौर्या की पीठ ने सफदरजंग हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा दिल्ली उपभोक्ता आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया. पीठ ने हॉस्पिटल प्रबंधन के उन दलीलों को नकार दिया, जिनमें कहा गया था कि महिला के इलाज में लापरवाही नहीं बरती गई. एनसीडीआरसी ने कहा कि हॉस्पिटल को 11 लाख 5000 रुपये मृतक महिला के पति को बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है. इस रकम पर सात फीसदी ब्याज भी देने का आदेश दिया है. बता दें सुधीर वर्मा 22 अप्रैल 2006 को रात साढ़े 9 बजे अपनी पत्नी को अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे.