दिल्ली. देश की संसद में बेहद सस्ते खाने का आनंद उठा रहे सांसदों को अब इसका लाभ नहीं मिलेगा. दरअसल लोगों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था कि महंगाई के इस दौरे में भी सांसद नामुमिकन से लगने वाले रेट पर खाने-पीने की सुविधा का आनंद ले रहे हैं.

इसे लोगों के विरोध का असर ही कहा जाएगा कि भारतीय संसद ने फैसला लिया है कि अब सांसदों को कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिलेगी. खास बात ये है कि सांसदों ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि वह संसद की कैंटीन में मिलने वाली खाद्य सब्सिडी को छोड़ देंगे.

देशभर में लोग इसकी मांग लंबे अरसे से कर रहे थे कि सांसदों को खाने में सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए. संसद की कैंटीन में खाने की लागत पर 80 फीसदी तक सब्सिडी सांसदों को दी जाती है. बाहर जहां एक प्लेट चिकन 200 रुपये से कम नहीं मिलेगा वहीं संसद में ये सिर्फ 50 रुपये में उपलब्ध था. जबकि दाल फ्राई जो किसी बी कीमत पर बाहर 50 रुपये से कम नहीं मिलने वाली है, वो संसद में सिर्फ 5 रुपये की मिलती थी. खाने की थाली में दर्जनों किस्म के व्यंजन होने के बावजूद उसकी कीमत सिर्फ 35 रुपये थी बल्कि बाहर ये थाली कई सौ रुपये की पड़ती. अब सांसदों को ये सुविधा नहीं मिल सकेगी.