रायपुर: गणतंत्र दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है. पद्म भूषण सम्मान 17 और पद्मश्री पुरस्कार 107 लोगों को दिया गया है. इन सबके बीच पुरस्कार को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में किसी भी विभूति को अवॉर्ड नहीं मिला है. ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने है. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

Breaking: पद्मश्री अवार्ड की घोषणा, मध्यप्रदेश के 5 हस्तियों को मिलेगा यह सम्मान, डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री

इसी कड़ी में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पद्म पुरस्कारों के लिए राज्य सरकार की अनुशंसा से ही नाम जाते हैं. ऐसी स्थिति देखकर लगता है कि सरकार ने नाम नहीं भेजे होंगे. सरकार की निगाह में कोई योग्य चेहरा नहीं आया होगा. सरकार की दृष्टि किसी योग्य आदमी पर नहीं गई होगी.

बड़ा हादसा: निर्माणाधीन भवन का छज्जा गिरने से 2 मजदूर की मौत, 4 घायल

वहीं इस वर्ष घोषित पद्म पुरस्कारों को लेकर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसी भी विभूति का नाम शामिल नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. निश्चित तौर पर दुखदाई है. राज्य सरकार की तरफ से कुछ नामों को अनुशंसित करके भेजा गया था, लेकिन क्या करिएगा अंधा बांटे रेवड़ी चुन चुन के दे. यह छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय है. क्या छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल की सरकार है, इसलिए हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया है.

मजबूरी ने ली जानः निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरने से मां की दर्दनाक मौत, बेटा गंभीर रूप से घायल, ठेकेदार की लापरवाही उजागर

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर निंदनीय है. दुर्भाग्य है कि यह भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के नेता अपने केंद्र सरकार को समझाइश देने की बजाय केंद्र सरकार के बचाव में खड़े हैं. छत्तीसगढ़ के प्रतिभाओं के साथ यह अन्याय हुआ है. हमारे जो महान कलाकार हैं, हमारे महान साहित्यकार हैं, जो हमारे विभिन्न रंगकर्मी हैं, उन सब के साथ अन्याय हुआ है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus