कोलकाता। नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा 15 दिनों के भीतर 13 डिसमिल भूमि को खाली करने का आदेश को मनमाना करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इस आदेश को ‘सत्ता के मनमाने दुरुपयोग’ को रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगाई है.

अर्थशास्त्री अमृत्य सेन ने गुरुवार को अमेरिका से विश्वभारती के निर्देश का जवाब देते हुए कहा कि उचित अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए कि वे विश्वविद्यालय को मनमाने तरीके से अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने से रोकें. विश्व भारती ने घोषणा की है कि वे मेरी पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा लेना चाहते हैं, यदि आवश्यक हो तो इस तरह के बल का उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें हिंसा के इस खतरे पर ध्यान देना चाहिए और उपयुक्त अधिकारियों से सत्ता के इस तरह के मनमाने दुरुपयोग को रोकने के लिए कहना चाहिए.

बता दें कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, अमृत्य सेन 138-दशमलव भूमि में से 13 दशमलव (0.13 एकड़) पर अनधिकृत कब्जे में है, जिस पर उसका पैतृक घर प्राचीची स्थित है.

एक जिला भूमि अधिकारी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बोलपुर के कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा भूखंड की यथास्थिति का आदेश दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि पुलिस चौबीसों घंटे साजिश की निगरानी कर रही है, और विश्वविद्यालय को किसी भी बल का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगी.

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