नई दिल्ली. डीडीए ने हाई कोर्ट में दावा किया कि वह अपने पब्लिक टॉयलेट्स की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए एक नया सिस्टम तैयार करने जा रहा है. अथॉरिटी के मुताबिक, इसके अंतर्गत नोडल ऑफिसर की मौजूदगी से लेकर गंदे या बंद टॉयलेट्स की शिकायत के लिए उचित प्रणाली उपलब्ध होगी.


 डीडीए की ओर से पेश वकील ने एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच को बताया कि शौचालयों की स्वच्छता की निगरानी के लिए एक नोडल ऑफिसर रहेगा. टॉयलेट्स के बाहर ठेकेदार के साथ पार्क इंचार्ज का नंबर भी होगा. एनडीएमसी की ओर से पेश एडवोकेट साक्षी पोपली ने कहा कि उन्होंने अपनी स्टेटस रिपोर्ट तस्वीरों के साथ कोर्ट के रिकॉर्ड में पेश की है.

एमसीडी के बारे में उन्होंने कहा कि निगम के स्टैंडिंग काउंसिल अस्पताल में एडमिट हैं, इसीलिए उन्हें कुछ वक्त दिया जाए. कोर्ट ने सुनवाई 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. हाई कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पब्लिक टॉयलेट्स में साफ- सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है.