Noida News. नोएडा के ट्विन टावर में हुए ब्लास्ट के बाद धीरे-धीरे जब लोग घर पर पहुंच रहे हैं तो उन्हें पता चल रहा है कि उनके घर में क्या नुकसान हुआ है. ज्यादातर लोगों के घरों में खिड़कियां चटक गई हैं या टूट गई हैं.

पास वाली सोसाइटी एटीएस की बात करें तो वहां पर काफी फ्लैट की बालकनी और फ्लैट्स में दरारें आई है. लोगों को उम्मीद थी कि बाउंड्री वॉल और प्लास्टर झड़ने जैसी दिक्कतें ज्यादा आएंगी. घरों की खिड़कियां टूटने की असल वजह है, आवाज की वैक्यूम से टूटे शीशे. सेक्टर-93ए में जो ब्लास्ट किया गया उससे 101 डेसीबल की आवाज हुई. जबकि धमाके से ठीक 10 मिनट पहले ये 65 डेसीबल थी. दस मिनट के बाद दोबारा से ध्वनि वापस 65 डेसीबल पर पहुंच गई. ये जानकारी यूपीपीसीबी के अधिकारी ने दी.

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दो से तीन मिनट तक 70 से 80 डेसीबल तक पहुंचने पर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है और 110 डेसीबल में आदमी चिड़चिड़ा होने लगता है. इसका प्रभाव लोगों पर तो नहीं पड़ा लेकिन सोसाइटी के घरों के कांच पर इसका प्रभाव दिखा. प्राधिकरण के एक्सपर्ट ने बताया कि यहां लोग घर बंद करके गए थे. घर में एक वैक्यूम बनती है. ब्लास्ट के दौरान उत्पन्न हुई ध्वनि और गैस से भी एक वैक्यूम बनी. जिससे घर के अंदर और बाहर दोनों का लेवल बिगड़ा और शीशे टूट गए. अभी तक एटीएस और एमराल्ड में कई घरों में शीशे टूटने की जानकारी मिली है.