ग्रेटर नोएडा. केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर ग्रेनो वेस्ट के 30 बिल्डरों पर 230 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. यह अवैध रूप से भूजल की निकासी कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा एनजीटी को सौंपी गई एक रिपोर्ट में दोषी बिल्डर परियोजनाओं पर पर्यावरणीय मुआवजे की वसूली का विवरण दिया गया था, जिन्हें पहले भी कारण बताओ और जुर्माना का नोटिस जारी किया गया था.
पर्यावरण प्रेमी प्रदीप डाहलिया और प्रसून पंत ने अपने वकील रुचिन मेहरा के माध्यम से पिछले साल बिसरख ब्लॉक में भूजल के अवैध दोहन के खिलाफ राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी की एक संयुक्त समिति ने डिफॉल्टर बिल्डरों पर 76 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया था. अंतिम मुआवजा तय करने के लिए सीजीडब्ल्यूबी, जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी की एक और संयुक्त समिति का गठन किया था, जिसका अब मूल्यांकन किया गया है और 41 में से 30 परियोजनाओं पर 230 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.