रोहित कश्यप, मुंगेली. जिले के लोरमी जनपद के भालुखोन्दरा पंचायत में सरपंच सरपंच पद के लिए रामस्वरूप पोर्ते ने नामांकन दाखिल किया था. निर्धारित समय के मुताबिक बाकायदा इन्हें चुनाव चिन्ह भी आबंटन किया जा चुका था, मगर नामांकन फॉर्म वापस लेने के अंतिम दिन में रामस्वरूप के साथ जो हुआ उससे न सिर्फ रामस्वरूप बल्कि पूरे गांव के लोग हैरान है, क्योंकि नामांकन के आखिरी दिन स्क्रूटनी के बाद रामस्वरूप पोर्ते का नामांकन रद्द कर दिये जाने का आदेश इस आधार पर जारी किया जाता है क्योंकि वह बेजाकब्जा धारी. लेकिन सवाल ये है अगर ऐसी बात थी तब शुरुआत में इस मसले पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई. कार्रवाई तब हुई जबकि उसे चुनाव चिन्ह भी मिल चुका था.

रामस्वरूप पोर्ते का नामांकन खारिज किये जाने के बाद उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी निर्विरोध सरपंच बन गए हैं, तब से लेकर आज तक पीड़ित रामस्वरूप तहसील स्तर के अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच की गुहार लगा चुका है. लेकिन आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला है. यही वजह है उन्होंने अधिकारियों पर मिलीभगत एवं साठगांठ का भी आरोप लगाया है. वहीं कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने इस पूरे प्रकरण पर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.