कांकेर। जैन समाज के संत आचार्य महाश्रमण की अहिंसा पदयात्रा गुरुवार सुबह कांकेर पहुंची, जहां उनका पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ स्वागत किया गया. कांकेर प्रवास के दौरान सिंगारभाट बाफना लान में आचार्य महाश्रमण का प्रवचन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या श्रद्धालुओं की भागीदारी रही.

अहिंसा पदयात्रा पर कांकेर पहुंचे आचार्य महाश्रमण प्रवचन के दौरान बताया कि हमें धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और पाप कर्म से दूर रहना चाहिए. हमारा शरीर जब तक सक्षम होता है, तब तक धर्म की साधना करना नहीं चाहते हैं, लेकिन हमे सक्षम रहते ही धर्म की साधना करनी चाहिए. शरीर के अक्षम हो जाने पर साधना करना कठिन हो जाता है.

उन्होंने बताया कि हमें बुढ़ापा आने से पहले, बीमारियों द्वारा घेरे जाने के पहले और इंद्रियों के कमजोर होने के पहले ही धर्म कार्य कर लेने चाहिए. प्रवचन के समापन के बाद पहुंचे भक्तगणों को प्रसाद का वितरण किया गया. शाम लगभग पांच बजे आचार्य महाश्रमण अपने भक्तों के शहर विहार करते हुए गोविंदपुर पहुंचे, जहां के एक स्कूल भवन में रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे बड़ी मांगलिक के बाद नथियानवागांव की ओर विहार किया.

बता दें कि जैन संत आचार्य महाश्रमण दिल्ली से 2014 में अहिंसा यात्रा का प्रारंभ की थी. उन्होंने नेपाल व भूटान में भी मानवता के उत्थान का महत्त्वपूर्ण कार्य किया गया है.