रामकुमार यादव, अंबिकापुर। नशे के सौदागरों ने उत्तरी छत्तीसगढ़ को उड़ता सरगुजा बना दिया। और जब इसकी खबर सरगुजा रेंज आईजी को मिली तो उन्होंने इस पर नकेल कसने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और थाना प्रभारियों को ताकीद़ दे दी। इसे लेकर अभी कुछ घंटे भी नहीं बीते थे कि आईजी ने दो थाना प्रभारियों को लाइन अटैच और दो को दूसरे जिला भेज दिया।
दरअसल सरगुजा आईजी रतनलाल डांगी को नशीला इंजेक्शन, दवाईयों सहित अन्य नशीला पदार्थ को युवाओं में खपाने की लगातार शिकायत मिल रही थी। युवाओं को इऩ खतरनाक नशे की गिरफ्त में आने की सूचना ने आईजी के कान खड़े कर दिये। उऩ्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की क्लास लगा दी और नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की हिदायत दी।
आईजी ने कहा कि थाना क्षेत्र में एनडीपीएस के मामले, नशीले दवाईयों, इंजेक्शन और नशीले पदार्थों के रोकथाम हेतु कोई ठोस एवं कारगर कार्रवाई नहीं किए जाने से अपराधियों के हौसले बढ़ रहे हैं। आम जनता को शिकायतें करने का मौका मिल रहा है जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने एसपी से ऐसे सभी थाना प्रभारियों की रिपोर्ट तलब की जिनके क्षेत्र में नशीली चीजें धड़ल्ले से बिक रही थीं।
अंबिकापुर एसपी से मिली रिपोर्ट के आधार पर आईजी ने गांधीनगर थाना प्रभारी राहुल तिवारी, अंबिकापुर थाना प्रभारी आलक्ष्मी राम को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया। वहीं दोनों थाना के बीट प्रभारी, गांधीनगर के सहायक उपनिरीक्षक बृजकिशोर पांडे और कोतवाली थाने में पदस्थ एएसआई धनजंय पाठक को अपने बीट क्षेत्र में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के विरुद्ध कारवाई करने मे लापरवाही बरतने के कारण जिला सरगुजा से जिला जशपुर अटैच कर दिया।
आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि ये अधिकारी अपने-अपने थाना क्षेत्र और बीट में नशीले इंजेक्शन, दवाईयां और अऩ्य पदार्थ बहुत बिक रहा था और ये लोग कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। जिसकी वजह से एसपी ने दूसरी टीम भेजकर कार्रवाई की। एसपी की रिपोर्ट पर हमने इनके खिलाफ कार्रवाई की।